कोरोना से बचाव के लिए सर्वदलीय एवं सर्वसमाज की बैठक कोरोना से बचाव के लिए अगले दो सप्ताह महत्वपूर्ण सामाजिक व्यवहार और भीड़ से बचें लोग ः मुख्यमंत्री

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जयपुर, 18 मार्च।   मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने सभी धर्मगुरूआें, विभिन्न समुदाय एवं समाजों के प्रतिनिधियों तथा सभी विपक्षी दलों के नेताओं से प्रदेश में कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने में राज्य सरकार का सहयोग करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि सभी के सहयोग से इस महामारी के संक्रमण को सीमित कर लोगों का जीवन बचाया जा सकता है। फिलहाल प्रदेश में स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है, लेकिन अगले 2-3 सप्ताह तक लोगों को भीड़भाड से दूर रखना बेहद जरूरी है। 

श्री गहलोत ने मंगलवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में विपक्षी दलों के नेताओं और धर्मगुरूओं तथा विभिन्न समाजों के प्रतिनिधियों के साथ बैठकों में कहा कि यदि प्रदेश की जनता अगले 15-20 दिन तक सामाजिक व्यवहार कम रखेगी और भीड़ वाले स्थानों पर जाने से बचेगी तो हम इस बीमारी से जीत जाएंगे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इसके लिए कफ्र्यू नहीं लगाएगी, लेकिन लोगों को स्वयं ऎसा व्यवहार करना होगा जैसा कि कफ्र्यू लगा है। किसी धार्मिक स्थल पर ताला नहीं लगे, लेकिन धर्मगुरू और समाजों के पदाधिकारी ऎसा माहौल बनाएं कि श्रद्धालु स्वयं धर्मस्थलों पर नहीं आएं। 

धर्मगुरूओं ने जारी की संयुक्त अपील

मुख्यमंत्री के अनुरोध पर विभिन्न सम्प्रदायों के धर्म गुरूओं और प्रतिनिधियों ने एक संयुक्त अपील जारी की, जिसमें प्रदेश को कोरोना महामारी से बचाने के लिए 31 मार्च तक धार्मिक स्थलों पर एकत्र न होने और यथासम्भव अपने घर पर ही ईश्वर की प्रार्थना करने का संदेश दिया गया है। अपील में कहा गया है कि देश के कई धार्मिक स्थलों पर संबंधित ट्रस्टों ने पहल करके श्रद्धालुओं के धर्म स्थल पर आने पर पाबंदी लगा दी है। आमजन की सुरक्षा को देखते हुए यह कदम उठाए गए हैं।

अगले दो-तीन सप्ताह विशेष रूप से महत्वपूर्ण

श्री गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार ने कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए अभी तक हरसम्भव प्रयास किए हैं, जो सफल भी रहे हैं। अब आमजन की जिम्मेदारी है कि वे महामारी के संक्रमण को रोकने के लिए सजग रहकर इस चुनौती से निपटने में सहयोग करें। उन्होंने कहा कि दूसरे देशों के अनुभव से पता चला है कि वायरस के संक्रमण के गुणात्मक फैलाव को रोकने के लिए अगले दो-तीन सप्ताह प्रदेश के विशेष रूप से महत्वपूर्ण होंगे। 

धार्मिक भावना आहत करने का इरादा नहीं

चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश की जनता को यह संदेश देना चाहती है कि यह विपत्ति का समय है, इसका सामना करने के लिए सभी को राज्य सरकार की पहल में सहयोग करना चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार किसी की धार्मिक भावना को आहत करना नहीं चाहती, लेकिन आम आदमी का जीवन बचाने के लिए यह आवश्यक है कि सभी लोग एकजुट होकर संक्रमण को रोकने का प्रयास करें। संक्रमण का रोकथाम ही इस बीमारी से सर्वोत्तम बचाव है। उन्होंने कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए बड़े रूप में जन-जागरूकता अभियान चलाने का आह्वान किया। 

सरकार के दिशा-निर्देश की पालना सुनिश्चित करेंगे

धर्मगुरूओं ने भी मुख्यमंत्री के नेतृत्व में राज्य सरकार और चिकित्सकों द्वारा कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए किए गए प्रयासों की सराहना की। उन्होंने बताया कि विभिन्न धर्मस्थलों पर स्वप्रेरणा से इस संक्रमण से बचाव के लिए कदम उठाए गए हैं। आगे भी सरकार जो भी एडवाइजरी तथा दिशा-निर्देश जारी करेगी, उनकी पालना सुनिश्चित की जाएगी।

सभी राजनीतिक दल करें सरकार का सहयोग

मुख्यमंत्री ने राजनीतिक दलों के साथ हुई सर्वदलीय बैठक में कहा कि कोरोना बीमारी पूरे प्रदेश के लिए चिंता का विषय है। ऎसे में सभी राजनीतिक दलों का इस आपदा से निपटने में सहयोग बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि सभी दल अपने-अपने संगठन के माध्यम से गांव-ढाणी तक इस बीमारी को लेकर जागरूकता फैलाने में अहम भूमिका निभा सकते हैं। उन्होंने कहा कि आप सब राज्य सरकार को इस चुनौती से निपटने के लिए आवश्यक सुझाव दे सकते हैं। 

सरकार के प्रयासों को सराहा

बैठक में नेता प्रतिपक्ष श्री गुलाबचंद कटारिया ने राज्य सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की सराहना करते हुए कहा कि हम सरकार के प्रयासों में हर कदम पर साथ हैं। पूर्व चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री श्री कालीचरण सराफ ने एसएमएस मेडिकल कॉलेज द्वारा इस बीमारी के लिए ईजाद की गई दवा एवं अन्य प्रयासों के लिए चिकित्सकों की सराहना की। सीपीएम के विधायक श्री बलवान पूनिया, सीपीएम के ही डॉ. संजय माधव, सीपीआई के श्री डीके छंगाणी, श्रीमती सुमित्रा चौपड़ा, आम आदमी पार्टी के रामपाल जाट, भाकपा के श्री नरेन्द्र आचार्य सहित अन्य नेताओं ने राज्य सरकार द्वारा जारी एडवाइजरी को जनता तक पहुंचाने में पूर्ण सहयोग करने की बात कही।

अब तक स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में, आपात योजना भी तैयार

अतिरिक्त मुख्य सचिव, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य श्री रोहित कुमार सिंह ने बैठकों में बताया कि प्रदेश में केन्द्र सरकार की ओर से प्राप्त गाइडलाइन के अनुसार कोरोना से बचाव के लिए सभी सम्भव उपाय किए गए हैं। राज्य सरकार ने इसके लिए पर्याप्त संसाधन उपलब्ध करवाए हैं, जिसके चलते अब तक हर संदिग्ध संक्रमित व्यक्ति की पहचान करने और लगातार मॉनीटरिंग करने में सफल रहे हैं। प्रदेश के सभी जिलों में स्थिति नियंत्रण में है तथा किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए आपात योजना तैयार कर ली गई है। 

एसएमएस के प्रोटोकॉल को दी विशेषज्ञों ने मान्यता

 एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सुधीर भण्डारी ने बताया कि संदिग्ध मरीजों की जांच के लिए हमारे पास उच्चस्तरीय वाइरोलॉजी लैब और चौबीस घंटे विशेषज्ञ चिकित्सकों की सेवाएं उपलब्ध हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना के मरीजों के इलाज के लिए एसएमएस में तैयार प्रोटोकॉल को मेडिकल काउन्सिल ऑफ इंडिया के साथ विभिन्न देशों के विशेषज्ञ चिकित्सकों ने मान्यता दी है। 

बैठक में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य राज्य मंत्री डॉ. सुभाष गर्ग, अतिरिक्त मुख्य सचिव स्वास्थ्य श्री रोहित कुमार सिंह, सचिव चिकित्सा शिक्षा श्री वैभव गालरिया, आयुक्त सूचना एवं जनसम्पर्क श्री महेन्द्र सोनी, राजस्थान चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. राजाबाबू पंवार, एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्रिन्सिपल डॉ. सुधीर भण्डारी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

गांव-ढाणी तक होगा व्यापक प्रचार-प्रसार

इससे पहले चिकित्सा तथा सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग के अधिकारियों के साथ हुई बैठक में मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि कोरोना से बचाव के लिए राज्य स्तरीय, क्षेत्रीय एवं स्थानीय समाचार पत्रों तथा न्यूज चैनल्स, रेडियो सहित अन्य माध्यमों से लगातार प्रभावी प्रचार-प्रसार किया जाए। प्रदेशभर के अस्पतालों सहित विभिन्न स्थानों पर कोरोना की जानकारी से सम्बन्धित होर्डिंग्स लगाएं जाए। एसएमएस एवं टोल फ्री नम्बर से लोगों को संक्रमण से बचाव की जानकारी दी जाए। गांव-ढाणी तक व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए। 

धर्मगुरूओं द्वारा जारी संयुक्त अपील

जैसा कि हम सब जानते हैं कि दुनिया के कई देश कोरोना वायरस के संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं। चीन, इटली, स्पेन, फ्रांस , ईरान सहित कई देशों में इस वायरस का संक्रमण विकराल रूप ले चुका है। 

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसे महामारी और अमेरिका जैसे देश ने इसे राष्ट्रीय आपदा घोषित किया है। विभिन्न देशों में इस बीमारी के अनुभव से पता चला है कि इस वायरस का संक्रमण 2-3 सप्ताह बाद अचानक बढ़ता है और फिर संक्रमित लोगों और इससे होने वाली मौतों की संख्या एकदम बढ़ जाती है। 

विशेषज्ञों के अनुसार इस बीमारी से बचने का सर्वोत्तम उपाय है लोग भीड़-भाड़ वाले क्षेत्रों में जाने से बचें। आपसी मेल-मिलाप  और सामाजिक व्यवहार कम से कम हो। 

इसे देखते हुए सभी विद्यालय, कॉलेज, जिम्नेजियम, स्मारक, सिनेमा हॉल आदि बंद किए जा चुके हैं। 50 से अधिक व्यक्तियों के एकत्र होने पर प्रतिबन्ध लगाया गया है।

महाराष्ट्र के मुम्बादेवी, महालक्ष्मी मंदिर, सिद्धि विनायक मंदिर, शिरड़ी साइर्ं मंदिर, उज्जैन के महाकाल मंदिर आदि धार्मिक स्थलों पर सम्बन्धित ट्रस्ट द्वारा स्वयं पहल करके श्रद्धालुओं के एकत्र होने पर पाबंदी लगाई गई है। आने वाले कुछ दिनों में राज्य में कई मेले, त्यौहार आदि भी आयोजित हो रहे हैं, जिनमें काफी भीड़ रहती है। इस रोग के अचानक गुणात्मक रूप से फैलने के खतरे को देखते हुए यह आवश्यक है कि धार्मिक स्थलों पर श्रद्धालु नहीं आएं ताकि आमजन के जीवन की सुरक्षा हो सके। 

राजस्थान में राज्य सरकार के प्रयासों से अभी तक इस वायरस के संक्रमण की स्थिति नियंत्रण में हैं। हमारा प्रदेश इस महामारी से बचा रहे और हम सब स्वस्थ रहें, इसके लिए सभी श्रद्धालुओं एवं दर्शनार्थियों से अपील है कि वे फिलहाल 31 मार्च तक धार्मिक स्थलों पर एकत्र होने से बचें। यथासम्भव सब अपने घर पर ही ईश्वर की प्रार्थना करें।