जयपुर, 04 नवम्बर। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने कहा कि प्रदेश में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। उन्होंने निर्देश दिए कि जो पुलिस अधिकारी-कार्मिक अच्छा काम करें, उन्हें प्रोत्साहित किया जाए और लापरवाह एवं भ्रष्ट कार्मिकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें। उन्होंने फरियादियों की बेहतर सुनवाई के लिए थानों में बनाए जा रहे स्वागत कक्षों के कार्य को गति देने के भी निर्देश दिए।
श्री गहलोत रविवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में कानून व्यवस्था की समीक्षा बैठक को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने बालिकाओं को आत्मरक्षा के लिए पुलिस द्वारा दिए जाने वाले प्रशिक्षण को बेहतर बनाने के निर्देश देते हुए कहा कि इसके लिए एक वेबपोर्टल तैयार किया जाए ताकि कोई भी इच्छुक बालिका इसके जरिए आत्मरक्षा कौशल का प्रशिक्षण ले सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि बदलते समय के साथ साइबर अपराध तथा आर्थिक अपराध बढ़े हैं। ऎसे केसेज के अनुसंधान में तकनीक के साथ-साथ साइबर एक्सपर्ट की सेवाएं लें।
मुख्यमंत्री ने महिला पुलिस वालंटियर योजना तथा ग्राम रक्षक योजना को आगे बढ़ाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि ये ग्राम रक्षक और महिला वालंटियर सरकार की योजनाओं को गांव-ढाणी तक पहुंचाने के साथ ही आमजन और पुलिस के बीच बेहतर संबंध विकसित करने में कड़ी की भूमिका निभाएंगे।
मुख्यमंत्री ने बैठक में संगठित अपराधों की रोकथाम, फ्री रजिस्ट्रेशन नीति तथा पुलिस की कार्यप्रणाली को बेहतर बनाने के लिए किए जा रहे कार्यों की भी समीक्षा करते हुए कहा कि राजस्थान पुलिस को देश का सबसे अच्छा पुलिस बल बनाना हमारी सरकार की प्राथमिकता है।
बैठक में पुलिस महानिदेशक श्री भूपेन्द्र सिंह, महानिदेशक कानून व्यवस्था श्री एमएल लाठर, एडीजी क्राइम श्री बीएल सोनी, एडीजी इंटेलीजेंस श्री उमेश मिश्रा, एडीजी सिविल राइट्स डॉ. आरपी मेहरड़ा, शासन सचिव गृह श्री एनएल मीणा सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।