नगर निकाय चुनाव-2019 आयोग और निकायों के मध्य अहम कड़ी का काम करते हैं पर्यवेक्षक -आयुक्त, राज्य निर्वाचन आयोग

2019

जयपुर, 12 नवंबर। राज्य निर्वाचन आयोग के आयुक्त श्री पीएस मेहरा ने कहा कि पर्यवेक्षक चुनाव में आयोग और चुनाव क्षेत्र के मध्य मजबूत कड़ी की भूमिका निभाते हैं। उनकी निगरानी में प्रदेश की सभी 49 निकायों में स्वतंत्र, निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनाव करवाए जा सकेंगे।

श्री मेहरा सोमवार को सचिवालय स्थित कॉन्फ्रेंस हॉल में पर्यवेक्षकों की बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पर्यवेक्षक 14 से 19 नवंबर और 26 नवंबर को आवंटित निकाय क्षेत्र में रहकर अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करेंगे और जिलों से जुड़ी सूचनाएं राज्य चुनाव आयोग को भेजेंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में अगस्त-2020 तक पंचायतीराज और निकायों के लगातार चुनाव होते रहेंगे ऎसे में पर्यवेक्षकों के अनुभव और सुझाव आगामी चुनावों में अहम भूमिका निभा सकते हैं।

आयोग के मुख्य निर्वाचन अधिकारी और सचिव श्री श्यामसिंह राजपुरोहित ने बताया कि पर्यवेक्षकों में भारतीय प्रशासनिक और राजस्थान प्रशासनिक सेवा के वरिष्ठ अधिकारियों को यह महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी है। पर्यवेक्षक वहां की कानून व्यवस्था, आचार संहिता, चुनावी खर्च सहित कई अन्य विषयों पर पैनी नजर रखेंगे और उसकी सूचना भी आयोग को निरंतर उपलब्ध कराते रहेंगे।

उप सचिव श्री अशोक जैन ने बताया कि इस चुनाव में मल्टी पोस्ट-सिंगल वोट, और एमके-4 और एमके-5 ईवीएम मशीनें काम में ली जाएंगी। मशीनों की देखरेख के लिए इंजीनियर्स 11 नवंबर से ही निकाय क्षेत्र में पहुंच गए हैं। आयुक्त कार्यालय में भी इंजीनियर तकनीकी मदद के लिए हर समय उपस्थित रहेंगे।  

 उल्लेखनीय है कि निकाय चुनाव में 33 लाख 6 हजार 912 मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर सकेंगे, जिनमें से 17 लाख 5 हजार 1 पुरुष, 16 लाख 1 हजार 864 महिलाएं और 47 अन्य मतदाता शामिल हैं। 16 नवम्बर को सदस्य पदों के लिए सुबह 7 से शाम 5 बजे तक मतदान करवाया जाएगा। इन पदों के लिए 19 नवम्बर को मतगणना करवाई जाएगी। अध्यक्ष का चुनाव 26 नवंबर व उपाध्यक्ष का 27 नवंबर को करवाया जाएगा।

पर्यवेक्षकों को किए निकाय आवंटित

डॉ. प्रतिभा सिंह को ब्यावर, नसीराबाद एवं पुष्कर, श्री करण सिंह को बाड़मेर एवं बालोतरा (बाड़मेर), श्री नरेश कुमार ठकराल महवा (दौसा), श्री कुंज बिहारी पण्डया को उदयपुर एवं कानोड़ (उदयपुर) श्री ओम प्रकाश बुनकर को सिरोही, माउंट आबू, शिवगंज, पिण्डवाडा (सिरोही), श्री कन्हैया लाल स्वामी को भरतपुर एवं रूपवास (भरतपुर) श्री बाबूलाल मीणा को सीकर, नीम का थाना एवं खाटूश्यामजी (सीकर), श्री कैलाश चन्द मीणा को हनुमानगढ, श्री आशीष गुप्ता को नाथद्वारा एवं आमेट (राजसमन्द), श्री जितेन्द्र कुमार सोनी को जैसलमेर, श्री श्याम लाल गुर्जर को छबड़ा एवं मांगरोल (बारां), श्री विश्राम मीणा को टोंक, श्री राकेश शर्मा को जालौर एवं भीनमाल (जालौर), श्री टीकम चन्द बोहरा को बांसवाड़ा एवं परतापुर गढ़ी (बांसवाड़ा), श्री अजय सिंह राठौड़ को पाली एवं सुमेरपुर (पाली), श्री आशुतोष गुप्ता को फलौदी (जोधपुर), श्री बाबूलाल गोयल को श्रीगंगानगर एवं सूरतगढ़ (श्रीगंगानगर), श्री शिव प्रसाद सिंह को झुन्झुनूं, पिलानी, बिसाऊ (झुन्झुनूं), श्री नारायण सिंह को बीकानेर, श्री विवेक कुमार को सांगोद एवं कैथून, श्री सुनील शर्मा को अलवर एवं थानागाजी (अलवर), सुश्री शुभम चौधरी को भिवाड़ी (अलवर), श्री भगवती प्रसाद कलाल को चित्तौड़गढ़, रावतभाटा एवं निम्बाहेड़ा, श्री खजान सिंह को चूरू एवं राजगढ़ (चूरू) श्री राजपाल सिंह यादव को डीडवाना एवं मकराना (नागौर) का पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया है।

ये पर्यवेक्षक रहेंगे आरक्षित सूची में

डॉ. ओम प्रकाश, श्री प्रकाश चन्द्र पवन, श्री विरेन्द्र सिंह बांकावत, श्रीमती रश्मि गुप्ता, डॉ. राजेश शर्मा, श्रीमती अर्चना सिंह, श्री नखत दान बारहठ, श्री हरी मोहन मीणा, श्री राकेश राजौरिया को आरक्षित सूची में रखा गया है।