कानपुर : बढ़ते शहरीकरण के साथ गतिहीन जीवनशैली के कारण मोटापा एक गंभीर समस्या बन चुकी है। आजकल मध्यम आयु वर्ग के लोगों में मोटापे की समस्या आम हो गई है जो डायबिटीज, उच्च रक्तचाप, हार्ट अटैक, नींद की बीमारी, जोड़ों में दर्द, बांझपन और कैंसर के जोखिम को बढ़ाती है।
आनुवांशिकी, खान-पान, जीवनशैली और नींद आदि सब वजन बढ़ाने में प्रमुख योगदान देते हैं। लोग अक्सर दूसरों को मोटीवेटेड और एक्टिव रहने की सलाह देते हैं, लेकिन उन्हें इस बात का ज़रा भी अंदाजा नहीं कि यह सभी के लिए समान रूप से काम नहीं करता है। जीवन में संतुलन बनाए रखना एक कठिन काम है। वजन का संतुलन, कैलोरी के संतुलन से अलग होता है क्योंकि कई अन्य कारक जो बढ़ाने के लिए जिम्मेदार होते हैं।
नई दिल्ली में साकेत स्थित मैक्स सुपर स्पेशलिटी अस्पताल की मेटाबोलिक एवं बैरियाट्रिक डिपार्टमेंट कि डॉक्टर वंदना सोनी ने बताया “जीवनशैली में बदलाव, आहार और शारीरिक सक्रियता वजन घटाने में मुख्य भूमिका निभाते हैं। रात को देर से सोने की आदत के कारण गलत समय पर खाने की लालसा बढ़ती है, जिससे चयापचय में गड़बड़ी आती है। हर दिन सही समय पर सोना और 6-8 घंटों की नींद लेना जरूरी है। मोटापे का इलाज संभव है लेकिन इसके लिए दवाइयों और डाइटिंग की कोई जरूरत नहीं है। मोटापा कम करने के लिए संबंधित विशेषज्ञों से सलाह लेना आवश्यक है। आखिरी उपाय बैरियाट्रिक सर्जरी है जो न सिर्फ वजन घटाने में कारगर है बल्कि मोटापे से संबंधित सभी बीमारियों के मैनेजमेंट में भी लाभकारी है।”
शहरीकरण और बेहतर आर्थिक स्थिति के कारण आजकल हर जगह परिवहन के कई साधन उपलब्ध हैं जिससे ट्रैवल करना बहुत आसान हो गया है। यही कारण है कि लोगों में शारीरिक सक्रियता न के बराबर रह गई है। इसके अलावा, बाजार में कैलोरी से भरे हुए जंक फूड हर जगह दिखाई देते हैं, जिनमें पोषण की मात्रा शून्य के बराबर होती है। व्यस्त जीवनशैली में अधिकतर लोग इसी जंक फूड का सेवन करते हैं, जिससे वे मोटापे की चपेट में आ जाते हैं।
डॉक्टर वंदना सोनी ने आगे बताया कि, “आज टेक्नोलॉजी में प्रगति के साथ, बैरियाट्रिक सर्जरी की मदद से वजन घटाया जा सकता है। इस प्रक्रिया में मोटापे से ग्रस्त व्यक्ति के पेट का कुछ हिस्सा काट कर बाहर कर दिया जाता है। इसके साथ ही फूड पाइप को भी पतला कर दिया जाता है, जिससे उस व्यक्ति को भूख कम लगती है। भूख कम लगने के कारण वह आवश्यकता के अनुसार ही खा पाता है, जिसकी मदद से वह आसानी से वजन कम कर पाता है। रोबॉटिक बैरियाट्रिक सर्जरी की सलाह उन मरीजों को दी जाती है जिनका बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) सामान्य बीएमआई से बहुत ज्यादा होता है। सफल बैरियाट्रिक सर्जरी के लिए एक मल्टीडिस्पलिनरी टीम की आवश्यकता होती है जिसमें सर्जन, फिजीशियन, एंडोक्राइनोलॉजिस्ट, साइकोलॉजिस्ट, डायटीशियन और एनेस्थेसियोलॉजिस्ट शामिल होते हैं। इस सर्जरी के अच्छे परिणामों के कारण यह अधिक लोकप्रिय हो रही है। गैस्ट्रिक बाईपास के साथ इस सर्जरी के फायदे दुगने हो जाते हैं। इस सर्जरी के लिए हम एक सख्त प्रोटोकॉल फॉलो करते हैं जिसकी मदद से अच्छे परिणाम के साथ मरीज की सुरक्षा पर भी ध्यान दिया जाता है।”