जयपुर, 24 अक्टूबर। प्रदेश की राजकीय सेवाओं एवं शिक्षण संस्थाओं में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के आरक्षण में अचल सम्पत्ति संबंधी प्रावधान हटाने से प्रदेशभर में उत्साह का माहौल है। इस जनकल्याणकारी निर्णय के लिए मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत का आभार व्यक्त करने बुधवार को भी राज्यभर से बड़ी संख्या में लोग मुख्यमंत्री निवास पहुंचे। प्रदेश के विभिन्न जिलों से आए लोगाें ने मुख्यमंत्री का नारे लगाकर, माला एवं साफा पहनाकर पूरी गर्मजोशी के साथ स्वागत किया।
ब्राह्मण, वैश्य, जैन, राजपूत, अग्रवाल, मुस्लिम सहित विभिन्न समाजों की संस्थाओं एवं संगठनों के पदाधिकारियों और युवाओं ने मुख्यमंत्री का अभिनन्दन करते हुए कहा कि आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों के उत्थान के लिए यह निर्णय महत्वपूर्ण साबित होगा। उन्होंने कहा कि इससे प्रदेश के युवाओं को ईडब्ल्यूएस के प्रमाण पत्र के साथ ही शिक्षा एवं रोजगार प्राप्त करने में आसानी होगी। उन्होंने कहा कि पहले ईडब्ल्यूएस आरक्षण में विभिन्न जटिलताओं के कारण बेरोजगार युवाओं को इसका लाभ लेने में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा था। राज्य सरकार ने उनकी इस तकलीफ को समझा है।
श्री गहलोत ने इस अवसर पर कहा कि राज्य सरकार के इस निर्णय से केंद्र सरकार पर भी ईडब्ल्यूएस आरक्षण की जटिलताएं हटाने का दबाव बनेगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ईडब्ल्यूएस आरक्षण में अचल सम्पत्ति सहित अन्य जटिल प्रावधान हटाने के लिए केंद्र सरकार से मांग करेगी ताकि केंद्र की सेवाओं एवं शिक्षण संस्थाओं में भी प्रदेश के युवाओं को इसका उचित लाभ मिल सके।
इस अवसर पर कृषि मंत्री श्री लालचन्द कटारिया, तकनीकी शिक्षा राज्यमंत्री डॉ. सुभाष गर्ग, पूर्व मंत्री एवं विधायक डॉ. जितेन्द्र सिंह, विधायक श्री रफीक खान, श्री भंवरलाल शर्मा, श्री गिर्राज सिंह मलिंगा, पूर्व महापौर श्रीमती ज्योति खण्डेलवाल, मारवाड़ राजपूत सभा के अध्यक्ष श्री हनुमान सिंह खांगटा, श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के अध्यक्ष श्री सुखदेव सिंह गोगामेड़ी, डॉ. श्रीगोपाल बाहेती सहित अन्य जनप्रतिनिधि एवं गणमान्यजन उपस्थित थे।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री श्री गहलोत ने राज्य सरकार की सेवाओं एवं शिक्षण संस्थाओं के लिए आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की पात्रता के लिए 5 एकड़ और इससे अधिक की कृषि भूमि, एक हजार वर्ग फुट और इससे अधिक के आवासीय फ्लैट, अधिसूचित नगरपालिकाओं में 100 वर्ग गज एवं उससे अधिक के आवासीय भूखण्ड तथा अधिसूचित नगरपालिकाओं से भिन्न क्षेत्रों में 200 वर्ग गज या उससे अधिक के आवासीय भूखण्ड के मापदण्डों को समाप्त करने का निर्णय लिया है। अब प्रदेश की राजकीय सेवाओं एवं शिक्षण संस्थाओं में ईडब्ल्यूएस आरक्षण के लिए परिवार की कुल वार्षिक आय (अधिकतम 8 लाख रूपये) को ही एक मात्र आधार माना जाएगा।