दिल्ली, मई 2023.
सूर्या फाउण्डेशन द्वारा
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 पर सेमिनार का आयोजन कॉन्स्टीट्यशन क्लब ऑफ इंडिया,
नई दिल्ली में किया गया। जिसका उद्देश्य बच्चों के बस्ते का वजन कम करना और शिक्षा
को हर वर्ग तक कैसे पहुँचाएँ, पर चर्चा करना था। सूर्या फाउण्डेशन के चेयरमैन पद्मश्री
जयप्रकाश अग्रवाल जी का विचार रहा है कि बच्चों के बस्ते का बोझ और मानसिक तनाव कम
किया जाए।
उनकी प्रेरणा से सूर्या
फाउण्डेशन द्वारा चलाए जा रहे ‘‘शिक्षा थिंक टैंक’’ के माध्यम से सभी विषयों को समेकित
कर ‘‘एक कक्षा-एक पुस्तक ऑल-इन-वन’’, सूर्य भारती पुस्तकें बनाई गई। प्रो. एच.एल शर्मा
की अगुवाई में देश के जाने-माने शिक्षाविदों-प्रो. चंद्रभूषण, श्री गंगादत्त शर्मा,
श्री प्रभाकर द्विवेदी, श्री शांति स्वरूप रस्तोगी, श्री टी.आर. गुप्ता, डॉ. गुज्जरमल
वर्मा, प्रो. डी.पी. नय्यर जैसे अनेक विषय विशेषज्ञों ने कई वर्षों की कठोर मेहनत करके
ये पुस्तकें बनाई। इन पुस्तकों में शिक्षण की सभी बातों का ध्यान रखा गया है। खेल-खेल
में पढ़ाई कैसे कराई जा सकती है, इस विषय पर विशेष बल दिया गया है।
प्रो. एच.एल शर्मा जी
ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि भारत की महान परंपरा व संस्कृति का परिचय, कहानी,
योग, पहेली और ढेर सारे चित्रों को पुस्तकों में स्थान दिया गया है। संस्कारों के साथ-साथ
पर्यावरण सुरक्षा के लिये भी प्रेरित किया गया है। पुस्तकों में सीखने के न्यूनतम स्तर
का ध्यान रखते हुए पाठों की रचना की गई है।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020
के निदेशानुसार इन पुस्तकों में सभी विषयों का इंटीग्रेशन किया गया है। ये पुस्तकें
बच्चों, उनके माता-पिता, शिक्षकों, शिक्षण प्रबंध समितियों के सदस्यों के लिए भी उपयोगी
है। ये पुस्तकें 18 राज्यों में 80 से अधिक विद्यालयों, 300 से अधिक संस्कार केन्द्रों
व एकल विद्यालयों एवं 10 से अधिक अन्य समाज सेवी शिक्षा केन्द्रों में पढ़ाई जा रही
हैं।
विद्या भारती, सेवा भारती,
समर्थ शिक्षा समिति, सनातन धर्म शिक्षा समिति, डी.ए.वी. शिक्षा समिति आदि की ओर से
सूर्य भारती पुस्तकों के विषय में प्रशंसा पत्र प्राप्त हुए हैं, जो इन पुस्तकों की
गुणवत्ता और उपयोगिता साबित करते हैं। इस अवसर पर एस.सी.ई.आर.टी. एन.आई.ओ.एस., एस.सी.ई.आर.टी,
डाइट, हंसराज कॉलेज, अध्यक्ष-स्कूल एसोसिएशन नोएडा, अध्यक्ष-स्कूल एसोसिएशन-दिल्ली
समेत कई शिक्षण संस्थाओं से आए शिक्षाविद और सूर्या फाउण्डेशन के कार्यकर्ता शामिल
रहे।