नई दिल्ली, मई 2024.
इंडिया स्किल्स प्रतियोगिता 2024, समावेशिता को बढ़ावा देने और कौशल विकास के उभरते परिदृश्य
को अपनाने की दिशा में एक प्रयास के रूप में सामने आई है। यह पारंपरिक और नए युग
के कौशल दोनों के लिए एक समान मंच प्रदान कर रही है। हितधारक यह सुनिश्चित कर रहे
हैं कि प्लंबिंग और कारपेंटरी जैसे ट्रेडों में प्रतिस्पर्धा करने वाले छात्रों को
ऑटोनॉमस मोबाइल रोबोटिक्स और ऑगमेंटेड रियलिटी/वर्चुअल रियलिटी जैसे उभरते ट्रेडों
में भाग लेने वालों के समान ही अनुभव प्राप्त हो।
इंडियास्किल्स 2024 प्रतियोगिता द्वारका स्थित यशोभूमि में 15 से 19 मई तक चल रही है और इसमें 30 से अधिक राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 900 से अधिक उम्मीदवारों ने 61 कौशल और 400 से अधिक उद्योग विशेषज्ञों
के साथ भाग लिया है। ऐसा माहौल तैयार करके जहां सभी प्रतिभागियों को अपनी
विशेषज्ञता और रचनात्मकता दिखाने का समय मिल रहा है, प्रतियोगिता समावेशिता और प्रगतिशील कौशल विकास को बढ़ा रही
है।
साइबर सुरक्षा, क्लाउड कंप्यूटिंग, एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग, ऑटोबॉडी रिपेयर, ऑटोमोबाइल टेक्नोलॉजी, डिजिटल कंस्ट्रक्शन, ऑटोनॉमस मोबाइल रोबोटिक्स, मोबाइल एप्लीकेशन डेवलपमेंट जैसे नए युग के कौशल में
उम्मीदवार बड़े उत्साह के साथ भाग ले रहे हैं। इस बीच, वेल्डिंग, ब्रिकलेइंग, कारपेंटरी, शू मेकिंग, लेदर गारमेंट मेकिंग और टेक्सटाइल वीविंग
हैंडलूम जैसे पारंपरिक कौशल में भी समान एक्सपोज़र और अवसर मिल रहे हैं।
ग्राफिक डिजाइन तकनीक में भाग ले रहे जम्मू कश्मीर के
कुपवाड़ा जिले के उम्मीदवार फहीम जावेद ने कहा, "नए जमाने के कौशल को अपनाना जम्मू के कुपवाड़ा के एक छोटे
से शहर से आईटी स्टार्टअप क्षेत्र में आगे बढ़ने की मेरी यात्रा को आकार देने में
महत्वपूर्ण रहा है। इंडिया स्किल्स प्रतियोगिता ने मुझे अपनी क्षमताओं को दिखाने
के लिए एक मंच प्रदान किया है और ग्राफिक डिजाइनिंग और ऐप डेवलपमेंट में
उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए मेरे भीतर एक आग जलाई है। आज,
जब मैं आईओटी डिवाइस और ग्लोबल स्टार्टअप के क्षेत्र में
आगे बढ़ रहा हूँ, तो मैं कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय द्वारा मिले
अवसरों के लिए आभारी हूँ।"
वेल्डिंग में भाग ले रही
ओडिशा की रीना वाघा ने कहा कि अपनी वेल्डिंग मशाल की चिंगारी से, उन्होंने सशक्तिकरण और उपलब्धि का रास्ता
दिखाया है। बाधाओं को तोड़ने और दृढ़ संकल्प की ताकत को दिखाने के लिए इंडिया
स्किल्स प्रतियोगिता बड़ा मंच है। एमएसडीई के द्वारा आज वह फ्रांस के ल्योन में
भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए पूरे गर्व के साथ तैयार खड़ी हैं।
कौशल विकास एवं उद्यमशीलता
मंत्रालय (एमएसडीई) के सचिव श्री अतुल कुमार तिवारी ने कार्यक्रम स्थल जाकर
व्यक्तिगत रूप से उम्मीदवारों से बातचीत की। उनकी उपस्थिति ने उम्मीदवारों की
प्रेरणा बढ़ाई, जिससे उम्मीदवारों में
आत्मविश्वास पैदा हुआ। इससे भारत के स्किल ईकोसिस्टम के भविष्य को आकार देने में
उनका महत्व सामने आया है।
इस कार्यक्रम में बोलते हुए
उन्होंने कहा,
"उम्मीदवार हमारे देश के स्किल डेवलपमेन्ट की रीढ़ हैं, और उनके समर्पण और जुनून को सामने से
देखना विकास और सफलता के अवसरों के साथ प्रत्येक व्यक्ति को सशक्त बनाने की हमारी
प्रतिबद्धता को दिखाता है। इंडिया स्किल्स प्रतियोगिता 2024 समावेशिता और इनोवेशन की भावना का उदाहरण
है। मुझे विश्वास है कि हमारे प्रतिभागी अपनी प्रतिभा और दृढ़ संकल्प से हमें
प्रेरित करते रहेंगे। यहाँ प्रत्येक प्रतियोगी के साथ बातचीत करना और इंडिया
स्किल्स तक की उनकी यात्रा के बारे में जानना बहुत अच्छा था। एमएसडीई इन
उम्मीदवारों को हर संभव तरीके से सहयोग देना जारी रखेगा। हमें गर्व है कि हमारे
पिछले संस्करणों के कुछ विजेताओं ने अपने समृद्ध अनुभव से उम्मीदवारों का
मार्गदर्शन करने वाले जूरी सदस्य की भूमिका निभाई है।"
जबकि 47 कौशल
प्रतियोगिताएं ऑनसाइट आयोजित की जा रही हैं, 14 उपलब्ध सर्वोत्तम इन्फ्रास्ट्रक्चर को ध्यान में रखते हुए कर्नाटक, हरियाणा,
उत्तर प्रदेश और गुजरात में ऑफसाइट आयोजित की जा रही हैं।प्रतिभागी 9
प्रदर्शनी कौशल जैसे ड्रोन-फिल्मिंग मेकिंग, टेक्सटाइल-वीविंग,
लेदर-शूमेकिंग और प्रोस्थेटिक्स-मेकअप में भी भाग ले रहे
हैं।
इस साल प्रतियोगिता में महिलाओं की भागीदारी भी बढ़ी है। 170 से
ज़्यादा महिलाएँ ऐसे ट्रेडों में भाग ले रही हैं, जिन पर पहले पुरुषों का दबदबा था, जैसे लॉजिस्टिक्स और फ्रेट फ़ॉरवर्डिंग, वेब टेक्नोलॉजीज़ और वेल्डिंग। महिलाएँ वॉटर टेक्नोलॉजी, क्लाउड कंप्यूटिंग और 3डी डिजिटल गेम आर्ट जैसे
नए ज़माने के कौशल में भी पुरुषों के साथ प्रतिस्पर्धा कर रही हैं।
इंडियास्किल्स के विजेता, सर्वश्रेष्ठ उद्योग प्रशिक्षकों की मदद से, सितंबर 2024
में फ्रांस के ल्योन में होने वाली
वर्ल्डस्किल्स प्रतियोगिता के लिए तैयारी करेंगे। इसमें 70 से अधिक देशों के 1,500 प्रतियोगी एक साथ आएँगे। इस वर्ष, शुरुआती रुझानों से यह अनुमान लगाया गया है कि भारत
वर्ल्डस्किल्स में ऑटोमोबाइल, हॉस्पिटैलिटी, मेक्ट्रोनिक्स और वॉटर टेक्नोलॉजी में पदक जीतेगा।
इस वर्ष प्रतिभागियों को राष्ट्रीय क्रेडिट
फ्रेमवर्क के अंतर्गत क्रेडिट अर्जित करने का अवसर मिलेगा। वर्ल्डस्किल्स और
इंडियास्किल्स दोनों प्रतियोगिताओं में प्रदर्शित सभी कौशलों को राष्ट्रीय कौशल
योग्यता फ्रेमवर्क (एनएसक्यूएफ) के साथ जोड़ा गया है। यह प्रतिभागियों को अपने
सीखने के परिणामों को श्रेय देने और अपने चुने हुए क्षेत्रों में एक समृद्ध करियर
बनाने के लिए सशक्त बनाता है। यह भी पहली बार है कि इंडियास्किल्स ने क्यूरेन्सिया
नामक एक प्रतिस्पर्धा सूचना प्रणाली को शामिल किया है।
स्किल इंडिया डिजिटल हब (सिद्ध) पोर्टल पर
प्रतिस्पर्धा के लिए लगभग 2.5 लाख उम्मीदवारों ने पंजीकरण कराया था, जिनमें से 26,000
को प्री-स्क्रीनिंग की प्रक्रिया के जरिए चुना
गया था। ये आंकड़ा राज्य और जिला-स्तरीय प्रतियोगिता आयोजित करने के लिए राज्यों
के साथ साझा किया गया था, जिसमें से 900 से अधिक छात्रों को इंडिया स्किल्स नेशनल
प्रतिस्पर्धा के लिए शॉर्टलिस्ट किया गया था।
इस वर्ष, इंडियास्किल्स को टोयोटा किर्लोस्कर, ऑटोडेस्क, जेके सीमेंट, मारुति सुजुकी, लिंकन इलेक्ट्रिक, नैमटेक, वेगा, लोरियल, श्नाइडर इलेक्ट्रिक, फेस्टो इंडिया, आर्टेमिस, मेदांता और सिग्निया हेल्थकेयर जैसे 400 से अधिक उद्योग और शैक्षणिक भागीदारों का सहयोग मिल रहा है।