युवाओं में बढ़ता हार्ट अटैक का जोखिम

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एक दौर था जब हृदय रोगों को बढ़ती उम्र के साथ जोड़कर देखा जाता था। लेकिन आज के दौर में युवा और खासकर शारीरिक रूप से फिट रहने की कोशिश में लगे युवा जिस तरह इसकी चपेट में आ रहे हैं, यह बहुत चिंताजनक है। साथ ही बीते दिनों कुछ प्रभावशाली युवा सेलिब्रिटीज में हार्ट अटैक की ख़बरें भी चौकाने वाली रही है। एक अध्ययन के अंतर्गत किये गए सर्वे के अनुसार 35 फीसदी मरीज जिन्हें पहला हार्ट अटैक आया था उनकी उम्र 35 वर्ष से कम थी। यह आंकड़े निश्चित रूप से हृदय रोग के फैलते दायरे की ओर इशारा करते है। वे कौन कौन से पहलू हैं जिन पर हृदय रोग के सन्दर्भ में ध्यान देने की जरूरत है बता रहे हैं नारायणा मल्टीस्पेशियलिटी हॉस्पिटल, जयपुर के हृदय रोग विशेषज्ञ :-

हृदय रोग के अनुवांशिक कारण भी होते हैं इस सन्दर्भ में डॉ. सीपी श्रीवास्तव, डायरेक्टर एंड विभागाध्यक्ष- कार्डियक सर्जरी, नारायणा मल्टीस्पेशियलिटी हॉस्पिटल, जयपुर बताते हैं :-

हृदय रोग के अनुवांशिक कारणों को अक्सर नजरअंदाज किया जाता है, आज के युवाओं को खास तौर पर इस ओर तवज्जो देनी चाहिए। इसे इस प्रकार समझें यदि किसी के पिता को 60 वर्ष की उम्र में हार्ट अटैक आया है तो संभव है कि उनकी संतान को इस उम्र के आस पास हृदय रोग की समस्या आयें। हृदय रोग समेत सभी अनुवांशिक बीमारियों के सन्दर्भ में हमे जानकारी रखनी चाहिए और उसी अनुसार प्रिवेंटिव जांच व स्वस्थ जीवनशैली का पालन करना चाहिए।  

तनाव का व्यक्ति के हृदय पर क्या असर होता है इस सन्दर्भ में बता रहे हैं डॉ. अंकित माथुर, सीनियर कंसलटेंट-कार्डियक सर्जरी, नारायणा मल्टीस्पेशियलिटी हॉस्पिटल, जयपुर :-

आमतौर पर हृदय स्वास्थ्य को केवल शरीरिक सक्रियता से जोड़ कर देखा जाता है लेकिन यह भी समझना जरूरी है कि तनाव और चिंता का भी हृदय स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव पड़ता है। आजकल की भाग दौड़ भरी जिन्दगी में तनाव एक आम समस्या है जो हार्ट अटैक के मुख्य कारण के रूप में उभर कर सामने आ रही है। ऐसे में जरूरी है कि हम मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान दें और तनाव मुक्त रहनेके लिए उचित समय की नींद लें, निजी व प्रोफेशनल लाईफ में संतुलन बनायें और समय-समय पर छुट्टियां भी लें। हैल्दी हार्ट के लिए शारीरिक स्वास्थ्य के साथ-साथ मानसिक स्वास्थ्य भी उतना ही जरूरी है।

 

क्षमता से पार जाकर व्यायाम करने के क्या क्या नुक्सान हैं इस पर प्रकाश डाल रहे हैं डॉ. देवेन्द्र श्रीमाल, सीनियर कंसलटेंट, कार्डियोलॉजी-नारायणा मल्टीस्पेशियलिटी हॉस्पिटल, जयपुर :-

व्यायाम व्यक्ति के लिए जरूरी है लेकिन क्षमता से पार जाना उचित नहीं है। अक्सर देखा गया है कि युवा फिट शरीर की चाहत में अत्यधिक व्यायाम पर जोर देते हैं, लेकिन समझना होगा कि अत्यधिक व्यायाम रक्त वाहिकाओं पर दबाव बनाता है जिससे हार्ट अटैक आने का जोखिम बढ़ जाता है। इसलिए अपनी क्षमताओं को धीरे धीरे बढायें, अपने आप को वक़्त दें। दिशाहीन अत्यधिक व्यायाम हृदय के लिए बहुत जोखिम भरा है।

युवाओं में धूम्रपान व तम्बाकू की लत और हृदयाघात के बारे में डॉ. निखिल चौधरी, इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट-नारायणा मल्टीस्पेशियलिटी हॉस्पिटल, जयपुर बताते हैं :-

ऐसा देखा गया है कि बुजुर्गों में हार्ट अटैक का मुख्य कारण अक्सर कॉलेस्ट्रोल जमाव होता है लेकिन युवाओं में तम्बाकू सेवन एवं धूम्रपान। तम्बाकू में मौजूद निकोटीन शरीर के लिए काफी हानिकारक होता है। लम्बे समय तक धूम्रपान करने के कारण कार्बन मोनो ऑक्साइड की मात्रा शरीर में बढ़ जाती है जिसके परिणामस्वरुप हृदय की मुख्य धमनियां भी खराब होने लगतीं हैं और मरीज के हार्ट अटैक आने का जोखिम बढ़ जाता है। तम्बाकू का सेवन युवाओं में एक बड़ी समस्या है जो बहुत से रोगों का कारण है इसलिए इसकी लत से दूर रहें।