ईडब्ल्यूएस आरक्षण में अचल सम्पत्ति के प्रावधान हटाने पर मुख्यमंत्री का आभार जनता के सुख-दुःख में हमेशा साथ खड़ी है सरकार ः मुख्यमंत्री

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जयपुर, 24 अक्टूबर, 2019। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार जनता के सुख-दुख में हमेशा साथ खड़ी है। हमारे कार्यक्रम और नीतियां हर वर्ग के कल्याण को समर्पित रहेंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश की राजकीय सेवाओं एवं शिक्षण संस्थाओं में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के आरक्षण में अचल सम्पत्ति संबंधी प्रावधान हटाने का निर्णय युवाओं के हित में एक बड़ा कदम है। 

श्री गहलोत बुधवार शाम मुख्यमंत्री निवास पर ईडब्ल्यूएस आरक्षण में अचल सम्पत्ति संबंधी प्रावधान हटाने पर कोटा से बड़ी संख्या में आभार व्यक्त करने आए विभिन्न संगठनों, संस्थाओं एवं समाजों के लोगों को संबोधित कर रहे थे। राज्य सरकार की इस ऎतिहासिक पहल के लिए लोगों ने मुख्यमंत्री का माला और साफा पहनाकर स्वागत किया। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्र सरकार ने ईडब्ल्यूएस आरक्षण में अचल संपत्ति की ऎसी शर्तें लगा दी, जिनके कारण लोगों को प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने पड़ रहे थे और जरूरतमंद लोगों को इसका पूरा लाभ नहीं मिल पा रहा था। जनप्रतिनिधियों एवं विभिन्न संगठनों तथा संस्थाओं ने अचल सम्पत्ति संबंधी इन जटिलताओं में कुछ शिथिलता देने का आग्रह किया था। लेकिन राज्य सरकार ने एक कदम आगे बढ़ाते हुए प्रदेश की राजकीय सेवाओं एवं शिक्षण संस्थाओं में ईडब्ल्यूएस आरक्षण में अचल सम्पत्ति के सभी प्रावधान समाप्त कर दिए हैं। इससे युवाओं को ईडब्ल्यूएस प्रमाण पत्र के साथ ही शिक्षा एवं रोजगार प्राप्त करने में सहूलियत होगी।

श्री गहलोत ने कहा कि वर्तमान में देश में आर्थिक हालात बेहद चिंताजनक हैं। नौकरियां मिलना तो दूर, लोगों की नौकरियां जा रही हैं। लोगों की जागरूकता से ही ये हालात बदल सकते हैं। उन्होंने कहा कि हमारी पिछली सरकार में प्रदेश में विकास के अभूतपूर्व कार्य हुए। आगे भी सरकार विकास कार्यों में किसी तरह की कमी नहीं रखेगी।

इस अवसर पर पर्यटन मंत्री श्री विश्वेन्द्र सिंह, मुख्य सचेतक डॉ. महेश जोशी, तकनीकी शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. सुभाष गर्ग सहित अन्य जनप्रतिनिधि एवं कोटा के राजपूत, वैश्य, जैन, अग्रवाल, ब्राह्मण, मुस्लिम, पंजाबी सहित विभिन्न समाजों के बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे।

उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री श्री गहलोत ने राज्य सरकार की सेवाओं एवं शिक्षण संस्थाओं के लिए आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की पात्रता के लिए 5 एकड़ और इससे अधिक की कृषि भूमि, एक हजार वर्ग फुट और इससे अधिक के आवासीय फ्लैट, अधिसूचित नगरपालिकाओं में 100 वर्ग गज एवं उससे अधिक के आवासीय भूखण्ड तथा अधिसूचित नगरपालिकाओं से भिन्न क्षेत्रों में 200 वर्ग गज या उससे अधिक के आवासीय भूखण्ड के मापदण्डों को समाप्त करने का निर्णय लिया है। अब प्रदेश की राजकीय सेवाओं एवं शिक्षण संस्थाओं में ईडब्ल्यूएस आरक्षण के लिए परिवार की कुल वार्षिक आय (अधिकतम 8 लाख रूपये) को ही एक मात्र आधार माना जाएगा।