अंतर्राष्ट्रीय बाल दिवस बाल हितैषी ग्राम पंचायत निर्माण कार्यशाला का आयोजन बाल अधिकार संरक्षण के लिए स्वयं का विश्लेषण आवश्यक -उप मुख्यमंत्री

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जयपुर,21 नवम्बर। अंतर्राष्ट्रीय बाल दिवस (20 नवम्बर) के अवसर पर ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग तथा यूनिसेफ के संयुक्त तत्वावधान में इंदिरा गाँधी पंचायती राज एवं ग्रामीण विकास संस्थान में बुधवार को बाल हितैषी ग्राम पंचायत निर्माण कार्यशाला का आयोजन किया गया। 

कार्यशाला में प्रतिभागियों को सम्बोधित करते हुए उप मुख्यमंत्री श्री सचिन पायलट ने कहा कि आज के समय में हम सभी को बाल अधिकार संरक्षण की दिशा में आगे बढ़ने के लिए स्वयं का विश्लेषण करना होगा। श्री पायलट ने कहा कि बच्चों को अधिकार हमें ही देने हैं, इसलिए स्वयं की इच्छा शक्ति सर्वोपरि होगी और इसके लिए शुरुआत स्वयं से करनी होगी तभी हम सत्त विकास लक्ष्यों को वास्तविक रूप से जमीन पर उतार पाएंगे। उन्होंने कहा कि आज हमें जरुरत है जोड़ने की और जोड़ने वाले विचारों के प्रचार प्रसार के सकारात्मक प्रयासों की। श्री पायलट ने स्वयं के अनुशासन से बाल हितैषी ग्राम पंचायत निर्माण पर जोर देते हुए, जन भागीदारी से मानसिकता में सकारात्मक बदलाव एवं विचार प्रक्रिया आधारित कार्यवाही की आवश्यकता बताई। 

इस अवसर पर ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग के अतिरिक्त सचिव श्री राजेश्वर सिंह ने कहा कि बाल विकास के लिए ग्राम पंचायतें अपने वर्तमान कायोर्ं को भी पुनर्परिभाषित कर सकती हैं, जैसे चारागाह प्रबन्धन से कुपोषण को दूर करना। उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग, प्रायोगिक शिक्षा को बढ़ावा देकर आपसी तालमेल बनाना एवं बढ़ना सिखाए। सरकार के विभिन्न विभागों में आपसी तालमेल पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि हम एक साथ आगे बढ़ने की बात करें ताकि कोई पीछे न छूटे। उन्होंने कहा कि समान अवसरों के साथ - साथ समान व्यवहार हो और हम सभी समग्र विकास की बात करें ताकि हम अपने बच्चों को एक जिम्मेदार नागरिक एवं मूल्यों वाले व्यक्तियों के रूप में तैयार कर सकें।   

इस मौके पर यूनिसेफ की राजस्थान प्रमुख श्रीमती इसाबेल बारडेम ने कहा कि बाल अधिकार संरक्षण में ग्राम पंचायतों की महत्वपूर्ण भूमिका है और 75 प्रतिशत जनसंख्या ग्रामीण क्षेत्र में निवास करती है इसलिए ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग इसमें एक महत्त्वपूर्ण कड़ी है।  बच्चों के मुद्दों और पंचायतों में आपसी संबंध बताते हुए उन्होंने आगे कहा कि जब पंचायतें बच्चों के मुद्दों पर कार्य करेंगी तब ही हम अधिक से अधिक बच्चों एवं उनके मुददों को ग्राम पंचायत विकास कार्यक्रम में शामिल कर पाएंगे।

कार्यशाला में मौजूद पंचायती राज विभाग की विशिष्ठ सचिव डॉ. आरुषी  अजेय मलिक ने बताया  कि पंचायती राज विभाग यूनिसेफ के सहयोग से 129 ग्राम पंचायतों में बाल हितैषी ग्राम पंचायत निर्माण प्रक्रिया पर कार्य कर रहा है और अब ये कार्य राज्य की सभी ग्राम पंचायतों में किया जायेगा।