पटना : न्यूरोसाइंस के क्षेत्र में प्रगति के साथ, मिनिमली इनवेसिव प्रक्रिया की मदद से आज ब्रेन और स्पाइन के सबसे मुश्किल मामलों में भी सर्जरी करना आसाना हो गया है।
साकेत स्थित मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के डॉक्टर वी के जैन ने बताया कि, “अधिकतर लोगों को लगता है कि मस्तिष्क व रीढ़ की सर्जरी करने पर मरीज को मानसिक समस्या, कमजोर याददाश्त, बोलने में समस्या या पैरालिसिस आदि हो सकता है। यहां तक कि कुछ लोग अपने रिश्तेदारों का उदाहरण देते हैं, जो सर्जरी के बाद किसी न किसी समस्या शिकार बन गए। लेकिन वे यह किसी को नहीं बताते हैं कि ऑपरेशन किस बीमारी के लिए किया गया था। दरअसल, कई मामले इतने गंभीर होते हैं कि मस्तिष्क की सर्जरी केवल मरीज की जान बचाने के लिए की जाती है। इस सर्जरी की मदद से मरीज बच तो जाते हैं, लेकिन वे पहले की तरह सामान्य जीवन नहीं जी पाते हैं। यही समस्या स्पाइन के मरीजों के साथ होती है, लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि ऑपरेशन गलत हुआ है। सर्जरी के परिणाम मरीज की स्थिति पर निर्भर करते हैं। हालांकि, शुरुआती निदान व समय पर इलाज के साथ सर्जरी के परिणाम बेहतर होते हैं, इसलिए लोगों को गलत धारणाओं से बाहर निकलकर खुलकर इन प्रक्रियाओं का लाभ लेना चाहिए।”
दरअसल, कई मरीज ओपन व परंपरागत सर्जरी की मुश्किलों से घबराते हैं, लेकिन हालिया उन्नत के साथ, आज ब्रेन व स्पाइनल सर्जरी मिनिमली इनवेसिव होने के साथ 100% सुरक्षित हो गई है। इस प्रक्रिया में खून का बहाव न के बराबर होता है और रिकवरी भी तेज गति से होती है।
साकेत स्थित मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के डॉक्टर वी के जैन ने बताया कि, “न्यूरो सर्जरी के क्षेत्र में प्रगति के साथ, मस्तिष्क और स्पाइनल सर्जरी के बाद की गुणवत्ता में सुधार आया है, जिनके परिणाम भी बेहतर होते हैं। हमने अतीत में न्यूरोसर्जरी के कई जटिल मामलों को सफलतापूर्वक संभाला है। इनमें कई केस ऐसे भी थे जो बहुत चुनौतीपूर्ण थे और जिनका किसी अस्पताल में निदान नहीं हो पाया था। हमारी टीम ने ऐसे कई मामलों में एडवांस सर्जिकल प्रक्रिया से मरीज का इलाज करने का फैसला किया और वे उन्हें बचाने में सफल भी रहे। हमारी सफलता इस बात का प्रमाण है कि हम अपने रोगियों को श्रेष्ठ स्वास्थ्य देखभाल सेवाएं प्रदान करने की क्षमता रखते हैं। इसलिए मेरी सभी के लिए यही सलाह है कि लोगों को मस्तिष्क और रीढ़ के ऑपरेशन से बिल्कुल डरने की जरूरत नहीं है। टेक्रनोलॉजी में प्रगति के साथ आज यह पता लगाना बिल्कुल मुश्किल नहीं रहा है कि, समस्या क्या है और कहां पर है। रोबोटिक तकनीक डॉक्टर को सटीक सर्जरी करने में मदद करती है।”