Vedanta's digital e-learning module
जयपुर, 24 जून, 2020.
वेदांता लिमिटेड, के फ्लैगशिप प्रोजेक्ट ”नंद घर” ने राजस्थान,
उत्तर प्रदेश और ओडिशा के गांवों में व्हाट्सएप समूहों के
माध्यम से होम-स्कूलिंग के लिए ई- लर्निंग मॉड्यूल शुरू किया है।
ईलर्निंग मॉड्यूल में छह
साल से कम उम्र के बच्चों के लिए कहानियां, खेल,
तुकबंदी, गृह आधारित
गतिविधियाँ,
नैतिक विज्ञान पाठ और अन्य रोचक सामग्री शामिल हैं। समेकित
बाल विकास सेवा कार्यक्रम- आईसीडीएस राजस्थान सरकार ने राज्य में 60 हज़ार से अधिक आंगनवाड़ी केंद्रों के बच्चों के लिए यूनिसेफ ई-सामग्री के
साथ-साथ नंद घर ई-सामग्री को रोल आउट करने का आदेश जारी किया जिसकी पहुँच 12 लाख से अधिक बच्चों तक हो सकेगी।
इस पहल पर वेदांता की
सराहना करते हुए,
डॉ के के पाठक, सचिवमहिला एवं बाल विकास विभाग, राजस्थान सरकार ने कहा,“महामारी के प्रसार के साथ क्लासरूम एजुकेशन प्रभावित होने
के कारण ईलर्निंग दुनिया भर में सबसे आगे आ गया है। मुझे खुशी है कि डब्ल्यूसीडी, आईसीडीएस राजस्थान 60 हज़ार से ज़्यादा आंगनवाड़ियों में ईलर्निंग के माध्यम से सफलतापूर्वक शिक्षा
प्रदान कर रहा है। यह वेदांता और यूनिसेफ के संयुक्त प्रयासों से संभव हुआ है, जिन्होंने इसके लिए जरूरी सहयोग प्रदान किया है। ईलर्निंग
कंटेंट बनाने से लेकर ग्राउंड डिलीवरी तक, इस पहल में वेदांता का योगदान बेहद सराहनीय है।”
बदलते युग के एक मोड़ पर
यह पहल गेम चेंजर साबित हुई है। इसने संभावनाओं के द्वार खोल दिए हैं, जहाँ भारत के हजारों गांवों में प्रत्येक बच्चे को अपने
माता-पिता से अधिक भागीदारी और नियंत्रण के साथ शिक्षा उपलब्ध और सुलभ कराई जा रही
है।
वेदांता रिसोर्सेज के
चेयरमैन श्री अनिल अग्रवाल ने इस पहल पर बात करते हुए कहा, “कोविड -19 महामारी के
फैलने से स्कूलों और कॉलेजों को बंद करना पड़ा, जिससे दुनिया भर में करोड़ों बच्चे और युवा प्रभावित हुए हैं। उच्च आय वाले
परिवारों के पास प्रौद्योगिकी और इंटरनेट तक पहुंच है, जबकि निम्न आय वाले परिवार हैं इस अभूतपूर्व महामारी से
ज़्यादा प्रभावित हुए हैं। इस समय पर आंगनबाड़ी केंद्र बंद होने से बच्चों की
निर्बाध शिक्षा की जरूरत पूरी करना हमारी प्राथमिकता है। इस उद्देश्य के साथ, कि कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित नहीं रहे, नंद घर ने अपने ईलर्निंग मॉड्यूल को नंद घर से जुड़े गांवों
में पहुंचने वाले मोबाइल फोन के माध्यम से लॉन्च किया है। अंतर को पाटने के लिए
हमारी ओर से एक कदम है जिससे ये सुनिश्चित होगा कि डिजिटल स्व-शिक्षा सभी के लिए
असीमित संसाधन बन जाए।”
वेदांता नंद घर प्रोजेक्ट
के तहत पहले ही भारत के 7 राज्यों में 1300 से अधिक नंद घर का निर्माण हो चुका है। नंद घर में ईलर्निंग, सतत बिजली के लिए सोलर पैनल, सुरक्षित पेयजल और स्वच्छ शौचालय के साथ देश के अन्य भागों में दोहराने के लिए
एक आदर्श मॉडल के रूप में उभरे हैं। परियोजना का लक्ष्य देशभर में 14 लाख आंगनवाड़ियों के माध्यम से 8.5 करोड़ बच्चों के जीवन को बदलना है।
नंद घर में प्रदान की जाने
वाली मुख्य सेवाओं में ई-लर्निंग, बाला डिजाइन
और स्मार्ट किट के माध्यम से बच्चों को (3-6 वर्ष) पूर्व-स्कूल शिक्षा, बच्चों के लिए
प्री-पैक्ड गर्म पके भोजन के माध्यम से पोषण के साथ-साथ स्थानीय महिलाओं के स्व
सहायता समूह,
गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं की मोबाइल हेल्थ वैन
के माध्यम से स्वास्थ्य सेवा और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का सहयोग, कौशल विकास के माध्यम से महिला सशक्तिकरण, क्रेडिट लिंकेज, सीमावर्ती स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की क्षमता निर्माण और उद्यमिता विकास शामिल
है।