Jaipur,March 2021.
48 वर्षीय
महेश (बदला हुआ नाम) राजस्थान पुलिस सेवा में कार्यरत हैं। बीते दिनों वे एक गंभीर
सड़क दुर्घटना के शिकार हुए और उन्हें नारायणा मल्टीस्पेशियलिटी हॉस्पिटल, जयपुर लाया गया। जाँच करने पर पता चला कि उनके दाहिने घुटने में मल्टीपल
लिगामेंट इंजरी हो गई है, एक ऐसी स्थिति जिसमें यदि उनको सही
समय पर इलाज नहीं मिलता तो उनकी चलने व खड़े होने की क्षमता जीवनभर के लिए जा सकती
थी। नारायणा मल्टीस्पेशियलिटी हॉस्पिटल, जयपुर में इलाज की
बदौलत महेश न केवल इस गंभीर नुकसान से बच पायें बल्कि वे वापस अपनी ऐसी एक्टिव
जीवनशैली में लौट आए जिसकी पुलिस सेवा में ज़रूरत होती है। नारायणा
मल्टीस्पेशियलिटी हॉस्पिटल, जयपुर के ऑर्थोपेडिक विशेषज्ञ
डॉ. हेमेन्द्र अग्रवाल ने सटीक डायग्नोसिस कर उपचार की रूपरेखा तैयार की। दो चरणों
में आर्थ्रोस्कोपी सर्जरी की गई (6 हफ्तों के अंतराल में)
एवं अच्छी रिहेबिलेटेशन के मदद से मरीज तीन माह में अपने काम पर लौट गया।
आर्थ्रोस्कोपी सर्जरी एक ऐसी आधुनिक तकनीक जिसके जरिये बहुत कम से कम चीरा लगाकर
सर्जरी की जा सकती है।
नारायणा मल्टीस्पेशियलिटी
हॉस्पिटल, जयपुर के
ऑर्थोपेडिक, जॉइंट रिप्लेसमेंट एंड स्पोर्ट्स आर्थ्रोस्कोपी
सर्जन, डॉ. हेमेन्द्र अग्रवाल बताते हैं कि, अगर मल्टीपल लिगामेंट इंजरी की डायग्नोसिस एवं सर्जिकल प्लानिंग ठीक से
नहीं की जायें तो रिकवरी में काफी समय लग सकता है और शायद मरीज शारीरिक श्रम से
संबंधित कामकाज जैसे-पुलिस, मजदूरी, स्पोर्ट्स
आदि करने के योग्य फिर से न हो पायें। इसलिए किसी भी चोट को गंभीरता से लें और
तुरंत इलाज करवायें ताकि आने वाले जोखिम को रोका जा सकें। महेश जी को वापस अपने
फ़र्ज पर लौटता देख कर हमें बेहद खुशी हो रही है। अब वे पुलिस सेवा में पहले की ही
तरह अपना पूरा योगदान दे सकेंगे।
लिगामेंट घुटने समेत
हड्डियों के जोड़ और मूवमेंट को बनाये रखने में सहायक होते हैं। आम तौर पर घुटने
में सिंगल लिगामेंट इंजरी हो तो समस्या उस हद तक गंभीर नहीं होती और सही इलाज से
समाधान कर लिया जाता है, लेकिन
मल्टीप्ल लिगामेंट इंजरी में समस्या गंभीर हो जाती है और एक से अधिक चरणों में
सर्जरी की जाती है और सावधानियां बढ़ जातीं हैं। इस तरह की चोटें खिलाड़ियों में आम
होतीं हैं।