ऑनलाइन स्किल गेमिंग सेक्‍टर को रेगुलेट करने के राजस्‍थान सरकार के निर्णय का गेमिंग इंडस्ट्री ने किया स्‍वागत

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जयपुर, मार्च, 2022.

ऑनलाइन स्किल गेमिंग सेक्‍टर को रेगुलेट करने को लेकर राजस्‍थान के मुख्‍यमंत्री श्री अशोक गहलोत की घोषणा का सेक्‍टर से जुड़े सभी हितधारकों ने स्‍वागत किया है और उनमें एक सकारात्‍मक प्रेरणा का संचार हुआ है। माननीय मुख्‍यमंत्री की घोषणा पर अपनी प्रतिक्रिया में ऑल इंडिया गेमिंग फेडरेशन (एआईजीएफ) और दि स्किल गेम्‍स काउंसिल ऑफ इंडिया ने इसका स्‍वागत करते हुए उम्‍मीद जताई है कि सरकार ऐसी सक्षम गेमिंग पॉलिसी को अपनाएगी जो प्‍लेयर्स के हितों को सुरक्षित करते हुए सभी के लिए एक सुरक्षित गेमिंग वातावरण का निर्माण करेगी।

देश में ऑनलाइन स्किल गेमिंग का दायरा पिछले कई वर्षों में काफी बढ़ा है और इसमें हर साल कीफी तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। इसके चलते इस सेक्‍टर ने बड़े निवेशकों को आकर्षित किया है। एआईजीएफ के मुताबिक इस समय ऑनलाइन स्किल गेमिंग इंडस्‍ट्री का आकार 1.5  अरब डॉलर है जो 2025 तक बढ़कर दोगुना हो जाने की उम्‍मीद है।

ऑल इंडिया गेमिंग फैडरेशन के सीईओ रोलैंड लेंडर्स ने कहा, ‘यह बहुत ही प्रोत्‍साहित करने वाली बात है कि केंद्र और विभिन्‍न राज्‍य ऑनलाइन स्किल गेमिंग इंडस्‍ट्री के महत्‍व को स्‍वीकार कर रहे हैं और इस उभरते सेक्‍टर के लिए बेहतर नीतियां और नियामकीय ढांचा बनाने की पहल कर रहे हैं। वैश्विक स्‍तर पर भारत पांचवां बड़ा ऑलाइन गेमिंग मार्केट है और यह देश में लगातार यूनिकॉर्न (एक अरब डॉलर से अधिक वैल्‍यू वाली) कंपनियां खड़ी कर रहा है। यह सेक्‍टर भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था के लिए मजबूत वित्‍तीय मददगार रहा है और मंदी के अभूतपूर्व दौर में भी इसका बड़ा योगदान रहा है। वर्ष 2025 तक इस क्षेत्र में राजस्‍व 3 अरब डॉलर को पार कर जाने की उम्‍मीद है। इसका मतलब यह भी है कि इस सेक्‍टर की तेज वृद्धि रोजगार के अवसर भी अधिक पैदा करेगी। इस सेक्‍टर के विकास के अनुसार एआईजीएफ देश में सुरक्षित गेमिंग वातावरण और नियामक स्‍थापित करने में सरकार को सहयोग करने के लिए प्रतिबद्ध है। एआईजीएफ और स्किल गेम्‍स काउंसिल ऑफ इंडिया के पास ऐसे विशेषज्ञों की टीम है जो इसके लिए परामर्श देने के लिए आतुर हैं।’

 

कर्नाटक उच्‍च न्‍यायालय सहित विभिन्‍न न्‍यायिक निर्णय भी इस दिशा में स्‍वागत योग्‍य कदम हैं और बढ़ती गेमिंग इंडस्‍ट्री के लिए सही दिशा में एक कदम हैं। इसके  अलावा माननीया केंद्रीय वित्‍त मंत्री की ओर से एवीजीसी टास्‍क फोर्स गठित करने की घोषणा से भी गेमिंग सेक्‍टर के विकास को गति मिलेगी। गेमिंग इंडस्‍ट्री इस सेक्‍टर में प्रत्‍यक्ष और अप्रत्‍यक्ष रोजगार के अवसरों पैदा करने और देश की जीडीपी में महत्‍वपूर्ण योगदान देने के लिए प्रतिबद्ध है।

 

ऑल इंडिया गेमिंग फेडरेशन (एआईजीएफ) गेमिंग इंडस्‍ट्री के हितधारकों के लिए सेल्‍फ रेगुलेशन स्किल गेम्‍स चार्टर के जरिए दुनिया की सर्वश्रेष्‍ठ प्रैक्टिसेज लाने के लिए प्रतिबद्ध है जो ऑनलाइन गेमिंग बिजनेस के सभी पहलुओं को कवर करता है। देश में तेजी से बढ़ते ऑनलाइन गेमिंग सेक्‍टर को ध्‍यान में रखते हुए निगरानी के लिए शीर्ष संस्‍था ‘स्किल गेम्‍स काउंसिल ऑफ इंडिया’ की स्‍थापना की गई है। यह इंडस्‍ट्री में सभी हितधारकों विशेष तौर पर गेमर्स और डेवलपर्स के लिए सेल्‍फ रेगुलेशन के लिए बेस्‍ट प्रैक्टिस सुनिश्चित करती है। इसके बोर्ड में जानेमाने विशेषज्ञ जैसे देश के पूर्व मुख्‍य न्‍यायाधीश जस्टिस विक्रमजीत सेन, जानीमानी शिक्षाविद् एवं खेल एवं शिक्षा को जोड़ने वाले अगरकर सेंटर ऑफ एक्‍सीलेंस (एसीई) की संस्‍थापक फातिमा अगरकर, पूर्व नौकरशाह पी.के. मिश्रा और रमी चेप्‍टर के प्रेसिडेंट (पॉलिसी एंड प्‍लानिंग) सुतनु बेहुरिया प्रमुख रूप से शामिल हैं।

 

श्री रोलैंड ने आगे कहा, ‘हम माननीय प्रधानमंत्री जी के सभी उद्योगों के लिए आत्‍मनिर्भर अभियान के साथ हैं और ऑनलाइन स्किल गेमिंग इंडस्‍ट्री की क्षमता को स्‍थापित करने के लिए राज्‍यों के साथ मिलकर काम करने को तैयार हैं, क्‍योंकि इस सेक्‍टर ने अर्थव्‍यवस्‍था के अन्‍य दूसरे सहभागियों के मुकाबले कहीं ज्‍यादा 20 फीसदी की सालाना ग्रोथ दी है। भारतीय मीडिया और मनोरंजन उद्योग के तहत यह सबसे तेजी से बढ़ता सेग्‍मेंट है। तेजी से उभरती ऑनलाइन स्किल गेमिंग इंडस्‍ट्री 400 से भी अधिक स्‍टार्टअप्‍स का घर है और 40 करोड़ से भी अधिक गेमर्स इससे जुड़े हैं। ई-स्‍पोर्ट्स और अन्‍य गेमिंग बिजनेस में यह भारतीय युवाओं को नौकरियों के अवसर मुहैया करवा रहा है।’