जयपुर, 22 अक्टूबर। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश के युवाओं को आगे बढ़ाने और उन्हें रोजगार के अधिक से अधिक अवसर उपलब्ध करवाने के लिए प्रतिबद्ध है। प्रदेश की राजकीय सेवाओं एवं शिक्षण संस्थाओं में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के आरक्षण में अचल सम्पत्ति संबंधी प्रावधान हटाने के निर्णय से बड़ी संख्या में युवाओं को राहत मिलेगी। उन्होंने कहा कि ईडब्ल्यूएस आरक्षण में विभिन्न जटिलताओं के कारण बेरोजगार युवाओं को इसका लाभ लेने में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा था। सरकार ने उनकी तकलीफ को समझते हुए यह जनकल्याणकारी कदम उठाया है।
श्री गहलोत मंगलवार को मुख्यमंत्री निवास पर प्रदेश की राजकीय सेवाओं एवं शिक्षण संस्थाओं में ईडब्ल्यूएस आरक्षण में अचल सम्पत्ति संबंधी प्रावधान हटाने पर राज्यभर से आभार व्यक्त करने आए विभिन्न संगठनों, संस्थाओं एवं समाजों के पदाधिकारियों तथा बड़ी संख्या में उपस्थित युवाओं को संबोधित कर रहे थे। राज्य सरकार के कल्याणकारी निर्णय के लिए लोगों ने गर्मजोशी के साथ मुख्यमंत्री का अभिनंदन किया।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के रूप में मेरे पहले कार्यकाल में ही हमने आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के हित में 14 प्रतिशत आरक्षण का प्रस्ताव राज्य विधानसभा से पारित कर तत्कालीन वाजपेयी सरकार को भेजा था, लेकिन दुर्भाग्य से केंद्र के स्तर पर इसे मंजूरी नहीं मिल पाई। वर्तमान केंद्र सरकार ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को 10 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था तो कर दी, लेकिन इसमें अचल सम्पत्ति संबंधी प्रावधानों एवं अन्य पेचीदगियों के कारण प्रदेश के युवाओं को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा था। अब हमारे इस निर्णय से केंद्र पर भी ये जटिलताएं हटाने का दबाव बनेगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ईडब्ल्यूएस आरक्षण में अचल सम्पत्ति सहित अन्य जटिल प्रावधान हटाने के लिए केंद्र सरकार से भी मांग करेगी ताकि केंद्र की सेवाओं एवं शिक्षण संस्थाओं
में भी प्रदेश के युवाओं को इस आरक्षण का उचित लाभ मिल सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जनप्रतिनिधियों एवं विभिन्न प्रतिनिधिमण्डलों ने विगत दिनों इस समस्या से अवगत करवाया था। हमारी सरकार ने युवाओं के हित में ईडब्ल्यूएस आरक्षण की ये बाधाएं समाप्त कर दी हैं। इससे प्रदेश के लाखों युवाओं को ईडब्ल्यूएस के प्रमाण पत्र बनवाने के साथ ही रोजगार और शिक्षा प्राप्त करने में आसानी होगी।
मुख्यमंत्री के इस निर्णय का स्वागत करते हुए परिवहन मंत्री श्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि राजस्थान सरकार को युवाओं के भविष्य की पूरी चिंता है। सरकार ने उनकी राह आसान करने की दिशा में यह कल्याणकारी कदम उठाया है। इससे प्रदेश के युवाओं को संबल मिलेगा। उनकी तकलीफ दूर होगी।
इससे पहले ब्राह्मण, वैश्य, जैन, अग्रवाल, मुस्लिम सहित विभिन्न समाजों की संस्थाओं, संगठनों के पदाधिकारियों और युवाओं ने मुख्यमंत्री का माला एवं साफा पहनाकर इस महत्वपूर्ण निर्णय के लिए आभार व्यक्त किया।
इस अवसर पर उच्च शिक्षा राज्यमंत्री श्री भंवर सिंह भाटी, तकनीकी शिक्षा राज्यमंत्री डॉ. सुभाष गर्ग, जनजाति क्षेत्र विकास राज्यमंत्री श्री अर्जुन सिंह बामनिया, मुख्य सचेतक डॉ. महेश जोशी, उप मुख्य सचेतक श्री महेन्द्र चौधरी, विधायक श्री अमीन कागजी, श्री रफीक खान सहित अन्य जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री श्री गहलोत ने राज्य सरकार की सेवाओं एवं शिक्षण संस्थाओं के लिए आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की पात्रता के लिए 5 एकड़ और इससे अधिक की कृषि भूमि, एक हजार वर्ग फुट और इससे अधिक के आवासीय फ्लैट, अधिसूचित नगरपालिकाओं में 100 वर्ग गज एवं उससे अधिक के आवासीय भूखण्ड तथा अधिसूचित नगरपालिकाओं से भिन्न क्षेत्रों में 200 वर्ग गज या उससे अधिक के आवासीय भूखण्ड के मापदण्डों को समाप्त करने का निर्णय लिया है। अब प्रदेश की राजकीय सेवाओं एवं शिक्षण संस्थाओं में ईडब्ल्यूएस आरक्षण के लिए परिवार की कुल वार्षिक आय (अधिकतम 8 लाख रूपये) को ही एक मात्र आधार माना जाएगा।