जयपुर, अक्टूबर, 2022.
8 दिवसीय सिल्क एक्सपो 2022 उमंग आर्ट एण्ड काफ्ट्स एक्सपो का हुआ शुभारंभ।
उमंग आर्ट एण्ड काफ्ट्स एक्सपो के आयोजक श्री आशीष कुमार गुप्ता ने बताया कि संस्थान
द्वारा आयोजित भारतीय परम्परा सिल्क एक्सपो प्रदर्शनी व सेल में देश भर से आए सिल्क
बुनकरों व डिजाइनरो ने अपने अपने प्रदेश संस्कृति काव्य और त्योहारों को सिल्क पर छापा
है। एक्जीबीशन में गुजरात की पटोला सिल्क, तेलंगाना की उप्पाडा सिल्क, तमिलनाडु की कांजीवरम
सिल्क, महाराष्ट्र की पैठानी सिल्क पर की गई कलाकारी लोगों को अपनी ओर खींच रही है।
आयोजक श्री आशीष गुप्ता ने बताया कि बिरला ऑडिटोरियम जयपुर में आयोजित
भारतीय परम्परा सिल्क एक्सपो का मकसद देशभर के सिल्क उत्पादों का एक ही छत के तले प्रदर्शनी
करना है। इस प्रदर्शनी में पश्चिम बंगाल के काला हस्ती से आए बुनकर ने भगवान श्री कृष्ण
के नौका विहार का दृश्य सिल्क पर पेंट किया है। तमिलनाडु से आए बुनकर 1
ग्राम सोने की जरी से तैयार साडी लेकर आए है। इस ट्रेडिशनल कांजीवरम साड़ी को बनाने
में 2 माह का समय लगा है।
आंध्रा के पोचमपल्ली से आए डिजाइनर ने सिल्क पर ग्रामीणों के जनजीवन को
उकेरा है। गांवो के मेले, खेतों में जाती बैलगाडियों के दृश्य और आदिवासी जनजीवन की
झलक सिल्क को खास बना रही है इसी तरह कश्मीर से आए बुनकार ने अपने साथ लाख सिल्क से
बनी साड़ियां लाए है। इन साड़ियों को लद्दाख के त्रिपुड़ा में भेड़ों के बाल को सूतकर
बनाया जाता है और फिर इन पर पेटिंग की जाती है।
इन साडियों पर बनी डिज़ाइनों में कश्मीरी केशर की डिजाइन के साथ ही
कश्मीरी कहावा भी है। इसके साथ ही प्रदर्शनी में छत्तीसगढ़ से कोसा, घिचा, मलबरी रॉ
सिल्क, एब्लॉक प्रिन्टेड सिल्क साड़ी, गुजरात से बान्धनी, पाटोला कच्छ एम्ब्रोयडरी,
मिरर वर्क एवं डिजाइनर कुर्ती, मध्य प्रदेश से चंदेरी, माहेश्वरी कॉटन एण्ड सिल्क साडीसुट,
डाकई जामदानी एवं बनारसी सिल्क तान्चोई सिल्क, मैसूर सिल्क की साड़ियों के साथ
धर्मावरम, टस्सर, ढाका, वहीं डिजाइनर ब्लाउज, सलवार सूट, पंजाब की फुलकारी वर्क सूट
व साड़ी हैदराबाद की हैवी नेकलेस, नोज पिन, रिंग, बैगल्स, मांग टीका, कमरबंद और मुम्बई
वेस्टर्न पैटर्न ज्वैलरी व पोलकी ज्वैलरी भी है।
भारतीय परम्परा सिल्क एक्सपो 2022 उमंग आर्ट एण्ड काफ्ट्स एक्सपो द्वारा
यह प्रदर्शनी 14 अक्टूबर 2022 तक समय: सुबह 10:30 से रात्रि 8:30 तक चलेगी।