नई दिल्ली, फरवरी 2024.
राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय
स्तर पर आम-जनता में नेचुरोपैथी का प्रचार-प्रसार व समग्र विकास हेतु 25 वर्षों से
समर्पित इंटरनेशनल नेचुरोपैथी आर्गेनाइजेशन को “बिगेस्ट नेचुरोपैथी आर्गेनाइजेशन इन
दी वर्ल्ड" अवार्ड से वियतनाम की आर्थिक राजधनी हो चि मिह्न शहर में
आयोजित अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में सम्मानित किया गया।
वियतनाम बुक आफ रिकॉर्ड्स
के 20वें वार्षिक समारोह के अवसर पर आयोजित अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में इण्डिया बुक
आफ रिकॉर्ड्स व वल्र्ड रिकार्ड्स यूनियन द्वारा वियतनाम में माननीय मंत्री तथा
इण्डो-वियतनाम मेडिकल बोर्ड के निदेशक डॉ. बिस्वरूप रॉय चौधरी
द्वारा सूर्या फाउण्डेशन के वाइस चेयरमैन तथा इंटरनेशनल नेचुरोपैथी आर्गेनाइजेशन के
राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अंनत बिरादार को मेडल व प्रमाण-पत्रा देकर सम्मानित किया गया।
इस सम्मेलन में साहित्य,
शिक्षा व स्वास्थ्य के क्षेत्रा में विशेष योगदान दे रहे 10 देशों के लगभग 700 प्रतिनिध्यिों
ने भाग लिया। इस अवसर पर हिंदी भाषा में विशेष योगदान हेतु माननीय राज्यसभा सांसद श्री
रामचंद्र जाँगड़ा व 195 देशों के राष्ट्रगान कंठस्थ करने पर पुणे के 12 वर्षीय मास्टर
जयेश को भी सम्मानित किया गया। इसके पूर्व भी इंटरनेशनल नेचुरोपैथी आर्गेनाइजेशन को
सन् 2018 में सामूहिक मिट्टी स्नान के लिए एशिया बुक आफ रिकार्डस से सम्मानित किया
जा चुका है।
सूर्या फाउण्डेशन व इंटरनेशनल
नेचुरोपैथी आर्गेनाइजेशन के संस्थापक चेयरमैन पदमश्री जयप्रकाश जी के प्रेरणादायक
व कुशल मार्गदर्शन में प्राकृतिक चिकित्सा योग (आयुष) को विभिन्न कार्यक्रमों, शिविरों
व अभियानों के माध्यम से भारत के 32 राज्यों (केन्द्रशासित प्रदेशों सहित) , लगभग
500 जिलों तथा अमेरिका, चीन, कनाडा, वियतनाम, मॉरिशस, यूक्रेन, आस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड,
नेपाल, फीलीपिन्स व अन्य देशों में तीन दशकों से सफलतापूर्वक आगे बढ़ा रहे हैं।
पदमश्री जयप्रकाश
जी ने स्वयं प्राकृतिक चिकित्सा को अपने जीवन में अपनाया व प्रयोग किया है। वह चाहते
हैं कि इस सरल व सस्ती स्वदेशी चिकित्सा प(ति का ज्ञान और लाभ देश के हर नागरिक को
मिले। उन्होंने नेचुरोपैथी के प्रति जन-सामान्य को जोड़ने, शासकीय ध्यान आकर्षण करने
हेतु तथा इसके समग्र विकास प्रचार-प्रसार व संवधर्न हेतु इसे जन आन्दोलन बनाने के लिए
20 दिन तक केवल जलाहार कर दिल्ली में गाँधी समाधि राजघाट पर सन् 2003 में ‘‘भारत जगाओ-
सत्याग्रह’’ आन्दोलन किया था। जिसके परिणाम स्वरुप केंद्र सरकार द्वारा प्राकृतिक चिकित्सा
के विकास हेतु अनेक रचनात्मक योजनाओं की घोषणा हुई तथा मोदी सरकार ने तो 9 नवंबर,
2014 को स्वतंत्र आयुष मंत्रालय का गठन किया है।
वर्तमान समय में इंटरनेशनल
नेचुरोपैथी आर्गेनाइजेशन एवं सूर्या पफाउण्डेशन द्वारा विद्यार्थियों व सामान्य जनता
(आयु वर्ग 12 वर्ष से 60 वर्ष तक) में नेचुरोपैथी-योग के जन जागृति हेतु ‘कौन बनेगा
स्वास्थ्य रक्षक अभियान चलाया जा रहा है, जिसमें 75 लाख लोगों की सहभागिता का लक्ष्य
रखा गया है। वर्ष 2012 में बैंगलूरू में प्राकृतिक चिकित्सा पर अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन
का सफल आयोजन किया जिसमें 5000 से अधिक लोगों ने भाग लिया।
वर्ष 2018 अन्तर्राष्ट्रीय
योग दिवस के उपलक्ष्य में विश्व के 73 लाख लोगों को योगाभ्यास कराने का कीर्तीमान स्थापित
किया। इसके अतिरिक्त डॉक्टर्स मैनेजमेंट ट्रेंनिंग कैंम्प, संगोष्ठी, सम्मेलन, शिविर,
योग-प्राकृतिक चिकित्सा दिवस, नेचर क्योर वल्र्ड त्रौमासिक पत्रिका का प्रकाशन एवं
केंद्र व राज्य सरकारों के साथ समन्वय आदि इंटरनेशनल नेचुरोपैथी आर्गेनाइजेशन के प्रमुख
कार्यक्रम हैं।
संगठन की स्थापना से लेकर
आज तक प्राकृतिक चिकित्सा-योग के समग्र विकास एवं प्रचार-प्रसार हेतु आयुष मंत्रालय,
भारत सरकार के सहयोग से अनेक रचनात्मक कार्य किये हैं जिसमें नेशनल आयुष मिशन का गठन,
प्राकृतिक चिकित्सा दिवस की घोषणा, नेशनल बोर्ड फॉर प्रमोशन एण्ड डेवलपमेंट आफ नेचुरोपैथी
, नेचुरोपैथी रजिस्टेशन बोर्ड नेचुरोपैथी टॉस्क
फोर्स एवं मंत्रालय के अंतर्गत संचालित स्वाशासित संस्थाऐ केंद्रीय योग एवं प्राकृतिक
चिकित्सा अनुसंधन परिषद् व राष्ट्रीय प्राकृतिक चिकित्सा संस्थान को सशक्त करना आदि
है।
हमारा मानना है कि प्राकृतिक
चिकित्सा का विस्तार सही रूप में होगा तो हमारे परिवार व देश का स्वास्थ्य बजट घटेगा,
साथ ही नेचुरोपैथी-योग से व्यक्ति स्वस्थ रहकर, परिवार व समाज के अन्य लोगों को प्रभावित
कर सकता है। इंटरनेशनल नेचुरोपैथी आर्गेनाइजेशन एक नेचुरोपैथी का अभियान है, आप सभी
इस अभियान का हिस्सा बनकर अपना योगदान दे सकते हैं।