नवम्बर श्लंग.कैंसर जागरूकता माह

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नोएडा 30 नवंबर 2019 : नवंबर को लंग.कैंसर जागरूकता माह घोषित किया गया हैए जिसका उद्देश्य जनता के बीच फेफड़ों के कैंसर के बारे में जागरूकता फैलाना हैए इसका मुख्य उद्देश्य धूम्रपान के हानिकारक प्रभावों के बारे में लोगों को जागरूक करना एवं ऐसे लोगों को शिक्षित करना है जो फेफड़ों के कैंसर के अधिक जोखिम में हैं । गौरतलब है के फेफडों के कैंसर से होने वाली 80ः मौतों का मुख्य कारण धूम्रपान होता है। 

फेफड़े का कैंसर सबसे आम कैंसर है जो कि दुनिया भर में अब तक 21 लाख से अधिक लोगों को प्रभावित कर चुका है। एलण्सीण्एफण्एण् ;लंग कैंसर फाउंडेशन ऑफ़ अमेरिकाद्ध एवं अन्य कई संगठन और भी हैं जो फेफडों के कैंसर के बारे में जागरूकता फ़ैलाने की दिशा में काम कर रहे हैं। एलण्सीण्एफण्एण् के संस्थापकों में से दो व्यक्ति कैंसर उत्तरजीवी हैं एवं एक कैंसर पीड़ित की विधवा है।

हालांकिए अगर लोग अतिशीघ्र धूम्रपान छोड़ देते हैं और अपनी दिनचर्या में फाइबर और दही का अधिक सेवन शुरू करते हैंए तो वे फेफड़ों के कैंसर के खतरे को 33ः तक कम कर सकते हैं।

भारद्वाज अस्पताल नोएडा के वरिष्ठ ऑन्कोलॉजिस्टए डॉ आशीष जायसवाल ने बताया की अज्ञानता की वजह से लोग हमारे पास तब आते हैं जब उनका कैंसर उच्च अवस्था तक पंहुच चुका होता हैए यदि कैंसर का पता प्रारंभिक अवस्था में लग जाता है तो इसके उन्मूलन की संभावना 5 गुना बढ़ जाती है। असंगत दिनचर्या भी कैंसर का एक कारण है जो लोग प्राप्त कर रहे हैं। प्रदूषित वायु में मौजूद सूक्ष्म कण श्वास के माध्यम से आसानी से हमारे श्वसन एवं परिसंचरण तंत्रों के प्रवेश कर हमारे फेफड़ोंए ह्रदय एवं मस्तिष्क जैसे महत्वपूर्ण अंगों को नुकसान पंहुचते हैं। अगर हम अपने आस.पास जागरूकता पैदा करना शुरू करते हैं और लोगों को धूम्रपान छोड़ने के लिए प्रेरित करते हैं तो निश्चित रूप से फेफड़ों के कैंसर से पीड़ित लोगों की संख्या में भारी गिरावट आएगी।

डॉ जायसवाल ने आगे बताया कि आज के दौर में पुरुष और महिलाएं दोनों धूम्रपान के आदी हैंए कुछ लोग इसकी लत का कारण तनाव कम करना तो कुछ इसे अपना दिन शुरू करने के श्पुश बटनश् के रूप में इस्तेमाल करते हैंए लेकिन हम सभी को यह पता होना चाहिए कि सिगरेट पीने से फेफड़ों के कैंसर की संभावना 15 से 30ः तक बढ़ जाती है।