जयपुर, फरबरी, 2020 : जयपुर शहर में राजपूत सभा भवन,
सिटी मॉल के के सामने, राजमंदिर में महिलाओं को लुभावने वाली कलाकारों की पशमीना शाल, बनारसियों की कडुआ दुपटे, कतान पोड़ी,
कोटा चेक की साड़ी, भागलपुर की सिल्क
साड़ी, कोलकाता की गर्मियो के लिये लीलण साड़ी महिलाओं को
आकर्षित कर रही है। 10 दिवसीय इस एक्सपो में हिंदुस्तान भर की हैंडीक्राफ्ट जिनमे प्रमुख रूप से खुर्जा की पॉटरी, सहारनपुर का फर्नीचर , भदोई का सिल्क कारपेट, जोधपुर का एन्टीक फर्नीचर,
शांति निकेतन का लेदर बैग , मेरठ की खादी ग्रामोद्योग की कुर्ता आदि शामिल है। ये एक्सपो 24 फरबरी तक चलेगा।
एक्सपो आयोजक आशीष गुप्ता ने कहा, ''फाइबर टू सिल्क फैब में देशभर के सिल्क की खूबसूरत साड़ीयाँ उपलब्ध है। विभिन्न रेशम साड़ी बुनकर, हथकरघा समूह और रेशम सहकारी समितियां अपने उत्पादों को यहां प्रदर्शित कर रहे है । हमारा उद्देश्य इन उत्पादों को बुनकरों और कारीगरों के बीच मध्यस्थ को हटाकर ग्राहकों के लिए अधिक सुलभ बनाना है ।
24 फरवरी तक आयोजित की जा रही फाइबर
टू सिल्क फैब में देशभर के कोने-कोने से विविध स्थानों
की लोकप्रिय वैरायटी की साड़ीयाँ एवं ड्रैस मटेरियल पेश किये गये हैं, जो मन को लुभाने वाले हैं। तरह-तरह के डिजाइन्स, पैटर्न्स,
कलर-कॉम्बिनेशन इन साड़ियों का व्यापक खजाना यहाँ उपलब्ध है। साथ ही
साथ, फैशन ज्वैलरी का भी लुभावना कलेक्शन यहाँ पेश किया गया
है।
इस भव्य प्रदर्शनी व सेल में देश के विविध प्रांतो की राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर लोकप्रिय वैरायटी का चुनिंदा संग्रह प्रदर्शित किया गया है। यहाँ प्रस्तुत हर साड़ी एवं ड्रैस मटेरियल अपने-आप में अद्वितीय और मनमोहक है। देशभर के श्रेष्ठ बुनकर फाइबर टू सिल्क फैब में हैंड ब्लॉक प्रिंट साडियाँ , सूट और रेशम बेड कवर, डिजाइनर ड्रेस सामग्री और बॉर्डर, लेस, कुर्तियां, हैंड वोवन मटका, असम मुगा कपड़े, बालूचरी साडियाँ , ढाका मलमल, घिचा साडियाँ , बुटीक साडियाँ , कांथा साडियाँ , जरदोजी, लखनऊ का चिकेन वर्क साड़ी, भागलपुर सूट, प्रिंटेड सिल्क साडियाँ , बनारसी साडियाँ , सिल्क प्लेनऔर बूटी साड़ी, माहेश्वरी, चंदेरी सिल्क साडियाँ और सूट, कोटा सिल्क, मलबरी सिल्क के साथ टेम्पल बॉर्डर, बनारस जामदानी साडियाँ के व्यापक संग्रह के साथ उपस्थित हैं।
कांचीपुरम से आए आर्टिसन्स कांजीवरम की रियल
सिल्वर जरी की साड़ियां लाए हैं। इन साड़ियों को बड़ी ही खूबसूरती के साथ ज्वेलरी
बॉक्स पर प्रदर्शित किया गया है लगभग 6 महीने में बनने
वाली साड़ी की कीमत 1,80,000 तक है । इन साड़ियों को बनाने में
पूरे परिवार को जुटना पड़ता है।
इसके अतिरिक्त एक्सपो में बांस का फर्नीचर, जरदोसी
वर्क लेदर की जूतियां, जुट के झूले, लखनवी
चिकन, भैरवगढ़ का प्रिंट, नीमच तारापुर
का दाबू प्रिंट, चंदेरी साड़ियां, कॉटन
के सूट साड़ियां, सिल्क की साड़ियां आदि प्रदर्शित की गई हैं ।
प्रदर्शनी 24 फरबरी तक चलेगी। कला प्रेमी प्रदेशभर से आए इन
कलाकृति को देखने के लिए आमंत्रित हैं ।