नेशनल आर्ट एंड क्राफ्ट सिल्क एक्सपो मे जयपुर की महिलाएं साड़ी पर कोलकाता की कलाकृति देख मन्त्रमुग्ध हुई

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जयपुर, जुलाई, 2022. ​

विलेज आर्ट एंड क्राफ्ट फाउंडेशन नेशनल आर्ट ​एंड​ क्राफ्ट सिल्क एक्सपो का ​जयपुरमें ​आयोजन कर रहा है। ​फाउंडेशन के ​सचिव राहुल ठाकुर ने प्रदर्शनी में भाग लेने वाले ​व्यक्तियों को ​पूरे भारत से रेशम ​की ​साड़ियों, पोशाक सामग्री की भिन्न गुणवत्ता की व्याख्या की। उन्होंने असम-मूंगासिल्क, दिल्ली-प्रिंटेड सिल्क साड़ी, गुजरात-कांथा, पटोला, पश्चिम बंगाल-बलूचरी, राजस्थान-बंधेज, झारखंड-कोसासिल्क, कर्नाटक-चिंतामणि, कसौटी वर्क और अन्य जैसे विभिन्न राज्यों के रेशम उत्पादों के बारे में बताया।

जवाहर कला केंद्र जेएलएन मार्ग जयपुर​ पर आयोजित सिल्क एक्सपो एक जुलाई से 24 जुलाई तक सुबह 11 बजे से रात 09 बजे तक​ आयोजित की जा रही है। जयपुरवासियों ने ​पारंपरिक भारतीय पोशाक के लिए अपना प्यार प्रदर्शित किया है। यह इस तथ्य से स्पष्ट है कि शहर के दुकानदार बड़ी संख्या में 'नेशनल आर्ट ​एंड ​ क्राफ्ट सिल्क एक्सपो' ​में ​प्रदर्शनी-सह-बिक्री में शामिल हो रहे हैं, जहां रेशम के कपड़े से बनी साड़ियों और ड्रेस सामग्री की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदर्शित की जाती है।

इस प्रदर्शनी में​  आपको अधिकांश पार्टी परिधानों का एक विशाल ​सग्रह  मिलेगा, जिसमें अर्बन और एथनिक कारीगरी का सही मिश्रण है। आंध्रप्रदेश से उपदा, मंगलगिरी, गढ़वाल, धर्मावरम, पोचमपल्ली जैसी साड़ियों का एक आकर्षक संग्रह​, बिहार से टसर, मटका और खादी रेशम, कशीदाकारी पश्मीना शॉल, प्रिंटेड सिल्क साड़ी, जम्मू और कश्मीर से ड्रेस सामग्री, मध्यप्रदेश से चंदेरी और माहेश्वरी सिल्क साड़ी, चिंतामणि, कसौटीवर्क, कर्नाटक से कर्नाटक सिल्क। बोमकाई, उड़ीसा से ब्लॉकप्रिंट, कांथा, छत्तीसगढ़ से जनजातीय कार्य, पारंपरिक सिल्क साड़ी आपकी अलमारी को रेशम के पारंपरिक फैंसी संयोजन और संग्रह के सेट का बिल्कुल नया स्पर्श देगी। उत्तरप्रदेश से तंचोई, जामदानी, जमावाड़ (बनारसी)।

1 जुलाई से 24 जुलाई 2022 तक के बीच आयोजित होने वाली प्रदर्शनी के दौरान पूरे भारत के शिल्पकार अपने कार्यों को प्रदर्शित करेंगे। यहां आपको बनारसी रेशम की साड़ियों और चूड़ीदारों को जटिल रूप से डिजाइन किया जाएगा। इसके अलावा धूपियन सिल्क, टीजी सिल्क, स्पाइन सिल्क और खादी सिल्क से बनी ड्रेस मटेरियल भी उपलब्ध होगी। आपको राजस्थान से बंधेज, ब्लॉक और सांगानेरी प्रिंट और गठजोड़ा, गुजरात की बंधिनी और मध्यप्रदेश के चंदेरी के साथ खादी सिल्क, टसर सिल्क, सभी एक ही छत के नीचे बनाने के लिए अंतहीन विकल्प मिलेंगे।