जयपुर, अगस्त, 2022.
बिरला ऑडिटोरियम स्टेचू सर्किल जयपुर में फाइबर टू सिल्क फैब की काजीवार साड़ी पर गोल्ड और जरी वर्क की साड़ियों पर जयपुर की महिला मन्त्र मुग्ध हो गई है। सिल्क फैब में तमिलनाडु के काजीवर शहर के असलम ने 3 महीने में जरी वर्क की साड़ी तैयार की है , जिसकी अनुमानित मेहनत लागत 1,50,000 रूपये की है। धीरे- धीरे विलुप्त होती जा रही कला के माध्यम से देश मे हजारों लोगो की रोजी रोटी चलती है हमें हुनर बाजो को दुबारा स्थपित करना चाहिए।
उमंग आर्ट एंड क्राफ्ट फाइबर टू सिल्क फैब का आयोजन कर रहा है। सचिव आशीष गुप्ता ने इस प्रदर्शनी में भाग लेने वाले पूरे भारत से रेशम साड़ियों, पोशाक सामग्री की भिन्न गुणवत्ता की जानकारी दी। उन्होंने असम-मूंगा सिल्क, दिल्ली-प्रिंटेड सिल्क साड़ी, गुजरात-कांथा, पटोला, पश्चिम बंगाल-बलूचरी, राजस्थान-बंधेज, झारखंड-कोसा सिल्क, कर्नाटक-चिंता मणि, कसौटी वर्क और अन्य जैसे विभिन्न राज्यों के रेशम उत्पादों के बारे में बताया।
जयपुरवासियों ने हमेशा पारंपरिक भारतीय पोशाक के लिए अपना प्यार प्रदर्शित किया है। यह इस तथ्य से स्पष्ट है कि शहर के दुकानदार बड़ी संख्या में इस प्रदर्शनी-सह-बिक्री में शामिल हो रहे हैं, जहां रेशम के कपड़े से बनी साड़ियों और ड्रेस सामग्री की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदर्शित की जाती है।
यह कार्यक्रम आपको अधिकांश ठेठ पार्टी परिधानों का एक विशाल कलेक्शन देखने में मदद करेगा, जिसमें अर्बन और एथनिक कारीगरी का सही मिश्रण है। आंध्र प्रदेश से उपदा, मंगलगिरी, गढ़वाल, धर्मावरम, पोचमपल्ली जैसी साड़ियों का एक आकर्षक संग्रह। बिहार से टसर, मटका और खादी रेशम, कशीदाकारी पश्मीना शॉल, प्रिंटेड सिल्क साड़ी, जम्मू और कश्मीर से ड्रेस सामग्री, मध्य प्रदेश से चंदेरी और माहेश्वरी सिल्क साड़ी, चिंतामणि, कसौटी वर्क, कर्नाटक से कर्नाटक सिल्क। बोमकाई, उड़ीसा से ब्लॉक प्रिंट, कांथा, छत्तीसगढ़ से जनजातीय कार्य, पारंपरिक सिल्क साड़ी आपकी अलमारी को रेशम के पारंपरिक फैंसी संयोजन और संग्रह के सेट का बिल्कुल नया स्पर्श देगी। उत्तर प्रदेश से तंचोई, जामदानी, जमावाड़ (बनारसी)।
12 अगस्त से 21 अगस्त 2022 तक के बीच आयोजित होने वाली प्रदर्शनी के दौरान पूरे भारत के शिल्पकार अपने कार्यों को प्रदर्शित करेंगे। यहां आपको बनारसी रेशम की साड़ियों और चूड़ीदारों को जटिल रूप से डिजाइन किया जाएगा। इसके अलावा धूपियन सिल्क, टीजी सिल्क, स्पाइन सिल्क और खादी सिल्क से बनी ड्रेस मटेरियल भी उपलब्ध होगी। आपको राजस्थान से बंधेज, ब्लॉक और सांगानेरी प्रिंट और गठजोड़ा, गुजरात की बंधिनी और मध्य प्रदेश के चंदेरी के साथ खादी सिल्क, टसर सिल्क, सभी एक ही छत के नीचे बनाने के लिए अंतहीन विकल्प मिलेंगे।
सुबह 11 बजे से रात 09 बजे तक बिरला ऑडिटोरियम स्टेचू सर्किल जयपुर में 21 अगस्त फाइबर टू सिल्क फैब प्रदर्शनी चलेगी।