एआई भविष्य का द्वार विषय पर टीवी के इतिहास में पहली बार न्यूज 18 राजस्थान ने किया कॉन्क्लेव

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जयपुर, 27 अगस्त, 2023.

प्रदेश के नम्बर वन न्यूज चैनल न्यूज 18 राजस्थान ने शनिवार को एआई-भविष्य का द्वार’  विषय पर कॉन्क्लेव का आयोजन जयपुर में एक होटल में किया। इस कॉन्क्लेव में प्रदेश में कार्यरत सॉफ्टवेयर और माकेर्टिंग एक्सपर्ट्स ने भाग लिया और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के इस क्षेत्र पर पड़ने वाले प्रभावों पर विशद चर्चा की।

एआई पर किसी न्यूज चैनल पर होने वाला यह पहला कॉन्क्लेव था। इस कॉन्क्लेव के मुख्य अतिथि एडीशनल कमिश्नर ट्रैफिक एण्ड एडमिनिस्ट्रेशन राहुल प्रकाश रहे, वे साइबर क्राइम और इस तकनीक से होने वाले  अन्य अपराधों को सुलझाने पर गहरी समझ और पकड़ रखते हैं। उन्होंने एआई के लाभ और अपराधियों द्वारा किए जा रहे इसके दुरूपयोगों पर अपने विचार रखे। उन्होंने कई उदाहरण देते हुए  कहा कि जहां एआई से लाभ है वहीं इसका विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर दुरूपयोग भी किया जा रहा है।

इस मौके पर न्यूज 18 राजस्थान के एडिटर अमित भट्ट ने आगंतुक अतिथियों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। साथ ही अमित भट्ट ने बताया कि न्यूज 18 राजस्थान क्षे़त्र का नम्बर वन चैनल है और हमेशा इसका सतत प्रयास रहता है कि वह अपने दर्शकों को सबसे पहले और पूर्ण रूप से विश्वसनीय जानकारी पूरी जिम्मेदारी के साथ दे। एआई कॉन्क्लेव भी इसी दिशा में एक सफल मंच था जिसे सफल रखने का हर संभव प्रयास किया गया और इस क्षेत्र के बारे में अपडेटेड जानकारी देने का प्रयास किया गया।

एआई ने मानव जीवन के हर क्षेत्र पर एक शक्तिशाली प्रभाव डाला है और हमारे जीवन को सरल बनाने में इसका बहुत बड़ा योगदान है। घरेलू सुरक्षा और निगरानी से लेकर सेल्फ ड्राइविंग कारों तक, डिजिटल मीडिया से लेकर आभासी सहायता (वर्चुअल हेल्प) तक, इसने सब कवर किया है। इसने न केवल वित्तीय क्षेत्र (फाइनेंशियल सेक्टर) और शिक्षा प्रणाली (सिस्टम) में बल्कि स्वास्थ्य सेवा, विपणन (मार्केटिंग) और परिवहन में भी उल्लेखनीय परिवर्तन किया है।

इस कॉन्क्लेव में विशेष तौर पर न्यूज 18 से आई एआई एंकर अंजलि जो कि स्वयं एक रोबोटिक एंकर है, ने सत्र में आए अतिथियों से सवाल जबाव किए वहीं आर्या कॉलेज से आए विद्यार्थियों ने भी मंच पर मौजूद अतिथियों से अपने सवालों के जवाब पूछ कर जिज्ञासा शांत की।

इस कॉन्क्लेव में हुए पैनल डिस्कशन से उभर कर आए तथ्यों में रोबोटिक सर्जरी के बारे में मणिपाल हॉस्पिटल के एचओडी रेडियोलॉजी एण्ड इमेजिंग डॉ.मनोज कुमार ने कहा कि जहां इस विधि से सर्जन सर्जिकल क्षेत्र को कंसोल पर हाई डेफिनिशन स्क्रीन पर तीन आयामों में देख सकता है। सर्जरी शून्य त्रुटि औरअधिक सटीकता के साथ की जा सकती है जब रोबोट सर्जन के हाथों के विस्तार के रूप में कार्य करता है। यहां तक कि छोटे चीरों के माध्यम से जटिल ऑपरेशन भी किए जा सकते हैं, जिसके परिणामस्वरूप शरीर को कम से कम आघात होता है।

एपेक्स हॉस्पिटल की डॉ शीनू झंवर ने कहा विभिन्न बीमारियों और स्थितियों के इलाज के लिए एक न्यूनतम इनवेसिव, रोबोटिक सहायता वाली सर्जरी का उपयोग किया जा सकता है। सर्जन इस प्रोसिजर के दौरान रोगी के पास एक कंसोल से पतले, टेलीस्कोप जैसे उपकरणों को नियंत्रित करता है। हैल्थकेयर सेक्टर में इसका इस्तेमाल काफी तेजी से हो रहा है. कैंसर जैसी पुरानी बीमारियों से लेकर रेडियोलॉजी तक, सटीक नतीजों के लिए एआई का इस्तेमाल किया जा रहा है, जो इन बीमारियों से पीड़ित मरीजों की देखभाल करता है और साथ ही उनका सटीक इलाज ढूंढने में मदद कर रहा है।

डाटा ग्रुप के एमडी और सीईओ डॉ अजय डाटा ने कारोबार में इसे अत्यंत उपयोगी बताते हुए कहा इसने न केवल फाइनेंशियल सेक्टर और एजुकेशन सिस्टम में बल्कि स्वास्थ्य सेवा, मार्केटिंग और ट्रांस्पोटेशन में भी उल्लेखनीय परिवर्तन किया है। हालांकि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस हमारे जीवन के कई क्षेत्रों को संशोधित (एमेंड) कर रहा है। उन्होंने एआई से नौकरियों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ने की बात भी कही।

विदेश से इस चर्चा में शामिल हुए श्री एली, श्री विनय सिनवार ने भी अपने अपने क्षेत्रों में एआई के लाभ गिनाए, फिर भी इसने कुछ क्षेत्रों पर संतोषजनक प्रभाव नहीं डाला है, कानूनी क्षेत्र एक ऐसा ही सेक्टर है। भले ही एआई लीगल प्रोफेशनल्स को कुछ हद तक लाभान्वित करता है, लेकिन यह कानून के क्षेत्र में कई क्रांतिकारी बदलाव ला सकता है। एआई कानूनी पेशेवरों को मामले के परिणामों की भविष्यवाणी करने, जोखिमों का आकलन करने और सूचित निर्णय लेने में सहायता कर सकता है। ऐतिहासिक कानूनी डेटा और पैटर्न का विश्लेषण करके, एआई एल्गोरिदम किसी मामले के संभावित परिणाम में मूल्यवान अंतर्दृष्टि प्रदान कर सकता है, जिससे वकीलों को प्रभावी रणनीति विकसित करने और ग्राहकों की अपेक्षाओं को प्रबंधित करने में मदद मिल सकती है।