बीएलएस निरंतर विकास पथ पर अग्रसर बेहतर व्यावसायिक मिश्रणके कारण लाभप्रदता में भारी वृद्धि Q3FY24 EBITDA 88.6 करोड़ रुपए, 33.6% की बढ़त

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नई दिल्लीफरवरी, 2024.

सरकारों और नागरिकों के लिए एक भरोसेमंद अंतर्राष्ट्रीय तकनीकी-सक्षम सेवा भागीदार कंपनी बीएलएस इंटरनेशनल सर्विसेज लिमिटेड ने 31 दिसंबर, 2023 को समाप्त तिमाही और नौ महीने की अवधि के लिए अपने अलेखापरीक्षितसमेकित वित्तीय परिणामों की घोषणा कर दी है। 

बीएलएस इंटरनेशनल ने तुर्की स्थित वीज़ा-प्रोसेस कंपनी iDATAमें 100% हिस्सेदारी हासिल करने के लिए एक निश्चित समझौते पर हस्ताक्षर की घोषणा की है। 

बीएलएस ई-सर्विसेज, बीएलएस इंटरनेशनल की प्रमुख सहायक कंपनियों में से एक कंपनी है। यह एक सफल आईपीओ के माध्यम से एनएसई और बीएसई पर सूचीबद्ध हुई। इसने विभिन्न आर्गेनिक और इनऑर्गेनिक (विलय व अधिग्रहण) विकास अवसरों के लिए 310 करोड़ रुपए जुटाए। 

कंपनी के प्रदर्शन पर टिप्पणी करते हुएबीएलएस इंटरनेशनल सर्विसेज लिमिटेड के संयुक्त प्रबंध निदेशक, श्री शिखर अग्रवाल ने कहाः हमें यह बताते हुए खुशी हो रही है कि कंपनी ने उम्मीदों के अनुरूप प्रदर्शन किया है और तीसरी तिमाही में अपनी विकास की तेज रफ्तार जारी रखी है। हमारे EBITDA और PAT में साल-दर-साल क्रमशः 33.6% और 90.2% की जबर्दस्त प्रगति देखी गई। अनुकूल व्यावसायिक मिश्रण के कारण EBITDA मार्जिन बढ़े हैं। जो इस तिमाही में भी 20% से ऊपर बना रहा। जैसे-जैसे प्रमुख बाज़ार खुल रहे हैं, हमें उम्मीद है कि वीज़ा आवेदनों की संख्या में और वृद्धि होगी।

व्यावसायिक घटनाओं के लिहाज से यह तिमाही काफी रोमांचक रही है। हमने हाल ही में तुर्की स्थित वीज़ा आउटसोर्सिंग सेवा प्रदाता कंपनी iDataमें 100% हिस्सेदारी के जरिए अधिग्रहण के लिए निश्चित समझौतों पर हस्ताक्षर करने की घोषणा की है। इससे हमारा वीज़ा व्यवसाय और मजबूत होगा। साथ ही हमारे पोर्टफोलियो में ज्यादा भौगोलिक क्षेत्र जुड़ जाएंगे। मुझे यह कहते हुए भी गर्व हो रहा है कि हमने अपनी सहायक कंपनी बीएलएस ई-सर्विसेज का आईपीओ सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है। इसमें हमारे ई-गवर्नेंस, बिजनेस कॉरेस्पोंडेंट और ई-असिस्टेड सेवा व्यवसाय शामिल होंगे। इस व्यवसाय प्राप्त आय का उपयोग इस व्यवसाय का विस्तार करने में किया जाएगा। इस बारे में हमारा मानना है कि इसमें विकास की अपार संभावनाएं हैं। कुल मिलाकर, हमारा लक्ष्य अपनी पहुंच को व्यापक बनाने पर फोकस करना है। इसके लिए आर्गेनिक और इनआर्गेनिक विकास पर पूरा ध्यान दिया जाएगा।'' साथ ही सभी हितधारकों को एक स्थायी मूल्य (सस्टेनेबल वैल्यू) उपलब्ध कराने के प्रयास किए जाएंगे।