नई दिल्ली, फरवरी 2024.
निर्लाभकारी प्रतिष्ठान ऐपिक फाउंडेशन भारत को एक प्रोडक्ट नेशन बनाने तथा देश में उच्च मूल्य-संवर्धित निविर्माण वातावरण को पोषित करने के लिए प्रतिबद्ध है। इस प्रतिष्ठान ने पहला ऐसा ऐजुकेशन टैबलेट लांच किया है जिसे भारत में डिजाइन किया गया है, जो आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस से लैस है और जिसका विनिर्माण भी देश में ही हुआ है। इस टैबलेट को वीवीडीएन टेक्नोलॉजीस द्वारा मीडियाटैक् इंडिया और कोरोवर डॉट एआई के सहयोग से डिजाइन किया गया है। इस टैबलेट में ’रिपेयरेबिलिटी’ और ’अपग्रेडेबिलिटी’ जैसे खास फीचर ऐम्बैडेड हैं जो भारत में डिजिटल विभाजन तथा इलेक्ट्रॉनिक कचरे संचय जैसी गंभीर चिंताओं का समाधान पेश करते हैं। ऐपिक फाउंडेशन ने वीवीडीएन टेक्नोलॉजीस और यूटीएल के साथ एक करार किया है जिसके अनुसार यूटीएल को ऐपिक और वीवीडीएन के लाइसेंस के तहत पीसी टैबलेट के विनिर्माण के लिए अधिकृत किया गया है। इस करार का लक्ष्य है दो से तीन लाख टैबलेटों का विनिर्माण करना जिनकी आपूर्ति राज्य सरकारों को की जाएगी।
यह टैबलेट सही मायनों में प्रधानमंत्री की ’मिशन LiFE’ पहल का परिचायक है। इस लांच के अवसर पर MeitY के सचिव श्री एस. कृष्णन ने बतौर मुख्य अतिथि अध्यक्षता की। उपभोक्ता मामले मंत्रालय के सचिव श्री रोहित कुमार सिंह तथा ऐपिक फाउंडेशन के संस्थापक व चेयरमैन डॉ अजय चौधरी एवं ऐपिक फाउंडेशन के सह-संस्थापक श्री अर्जुन मल्होत्रा भी इस ऐतिहासिक लांच के मौके पर उपस्थित थे। यह टैबलेट भारत की डिजाइन क्षमताओं को एक नई ऊंचाईयों पर ले आया है और यहां से इलेक्ट्रॉनिक्स के क्षेत्र में एक नया अध्याय आरंभ हुआ है।
इस टैबलेट के लांच पर उत्साहित MeitY के सचिव श्री एस. कृष्णन ने कहा, ’’यह हमारे लिए बेहद गौरव का पल है कि हम भारत में डिजाइन, भारत से प्रेरित ऐजुकेशन टैबलेट को लांच कर रहे हैं जो व्यापक स्तर पर देश के विद्यार्थियों के बहुत उपयोगी सिद्ध होगा। यह उत्पाद युवाओं को प्रेरित करेगा कि डिजाइन के इस मंत्र को अपनाएं और भारत में वस्तुएं निर्मित करें, जो भारत और दुनिया के काम आएं। आज का यह कार्यक्रम दो पहलुओं को लिए हुए है जिनके बारे में हाल के अतीत में बात करते आए हैं- पहला व सबसे अहम तो यह है कि भारत में हार्डवेयर उत्पाद डिजाइन किए जाएं। मैं जानता हूं कि डॉ अजय चौधरी भारत को एक प्रोडक्ट नेशन बनाने के बहुत बड़े पैरोकार हैं। उन्होंने इस दिशा में कई पहलकदमियां की हैं जैसे कि भारत को प्रोडक्ट नेशन बनाने की समिति के अध्यक्ष प्रधानमंत्री के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार हैं, यह उन्हीं की संकल्पना है जिसे उन्होंने आगे बढ़ाया और हमने सहर्ष तत्परता से उसे स्वीकार किया।’’
’’इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर में सकल निर्यात बढ़ाने के हमारे बड़े लक्ष्य हैं, बेशक यह महत्वपूर्ण है क्योंकि जब निर्यात बढ़ेगा तब आयात भी बढ़ेगा क्योंकि देश में होने वाला मूल्य-संवर्धन अभी भी बहुत सीमित है और एक बड़ा भाग आयात व असैम्बल किया जाता है और फिर उसे पुनः निर्यात अथवा घरेलू खपत में इस्तेमाल किया जाता है। स्पष्ट तौर पर मूल्य-संवर्धन बढ़ाना ही इस सेक्टर की कुंजी है और इसीलिए इलेक्ट्रॉनिक कम्पोनेंट उत्पादन का हिस्सेदारी भारत में बढ़ाने की आवश्यकता है। ये MeitY के अगले लक्ष्य हैं, बड़े पैमाने के इलेक्ट्रॉनिक्स पीएलआई की सफलता पर सवार होना, जो कि भारत सरकार द्वारा हाल के समय में चलाए गए सबसे सफल कार्यक्रमों में से है,’’ श्री कृष्णन ने कहा।
प्राइवेट सेक्टर के बारे में श्री कृष्णन ने कहा, ’’प्राइवेट सेक्टर भी कदम बढ़ा रहा है, MeitY में हमें आशा है कि आगामी महीनों में कम्पोनेंट-लिंक्ड इन्सेंटिव स्कीम अमल में आएगी जो भारत को प्रोडक्ट नेशन बनाने की दिशा में सहायक होगी तथा भारत और अधिक ऐसा देश बनता चला जाएगा जो अपने कम्पोनेंट बड़ी तादाद में स्वयं विनिर्माण करता है।’’
ऐपिक फाउंडेशन के चेयरमैन डॉ अजय चौधरी ने कहा, ’’हमारा व्यापक लक्ष्य है भारतीय इलेक्ट्रॉनिक्स को सही मायनों में आत्मनिर्भरता के स्तर पर पहुंचाना। हम इस तरह से उत्पादों का निर्माण करना चाहते हैं कम्पोनेंट्स को आसानी से रिप्लेस और अपग्रेड किया जा सके। मरम्मत के खर्चे नया उपकरण खरीदने से भी ज्यादा हो गए हैं, कमतर किस्म की वस्तुओं का उत्पादन तथा पुरानी पड़ चुकी रणनीतियां न केवल आज चिंताए खड़ी कर रही हैं बल्कि इनसे इलेक्ट्रॉनिक कचरे की समस्या भी विकट बनती जा रही है। हमारे मरम्मत किए जाने योग्य उत्पाद पूरे भारत में रिपेयर इंजीनियरों के लिए कई नौकरियां मुमकिन करेंगे।’’
ऐजुकेशन टैबलेट का लक्ष्य है कि इसे डिजिटल शिक्षण का सक्रिय सुगमकर्ता बनाया जाए। यह अपनी किस्म का पहला टैबलेट है जिसमें भारत जीपीटी वर्चुअल असिस्टेंट इंटिग्रेटिड है तथा यह भारतीय भाषाओं हेतु ए.आई./एम.एल. आधारित इंटर-लिंगुअल ट्रांस्लेशन को भी हाईलाईट करेगा (वॉइस-2-वॉइस, टैक्स्ट-2-टैक्स्ट आदि) जिससे भारत की भाषाई विविधता में मदद मिलेगी तथा विकलांग नागरिकों का समावेशन हो सकेगा।
उपभोक्ता मामले विभाग के सचिव रोहित कुमार सिंह ने कहा, ’’ऐपिक के भारतीय डिजाइन वाले टैबलेट के लांच की खबर खुश कर देने वाली है क्योंकि इसमें मरम्मत व बदलाव के फीचर्स हैं। यह अभिनव उपकरण न सिर्फ सस्टेनेबिलिटी को लेकर माननीय प्रधानमंत्री के ’मिशन LiFE’ से मेल खाता है बल्कि यह उपभोक्ताओं को भी सशक्त करता है कि वे पर्यावरण के प्रति जागरुक विकल्पों को चुन सकें। निसंदेह हमें ऐसा ही भविष्य चाहिए जहां उत्पादों को ज्यादा से ज्यादा समय तक काम देने के लिए निर्मित किया जाए न कि उसे अल्प अवधि में खत्म हो जाने के लिए बनाया जाए।’’
आईआरआईएस ग्लोबल और वेदावाग सिस्टम्स लिमिटेड के बीच 12,000 टैबलेटों के लिए एमओयू पर दस्तखत हुए हैं। वेदावाग एक सार्वजनिक सूचीबद्ध वित्तीय समावेशन कंपनी है जो भारत भर में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के लिए 6,000 नागरिक सेवा केन्द्रों का परिचालन करती है और दूरस्थ क्षेत्रों में बुनियादी सेवाएं देती है।
यूटीएल, बैंगलोर के चेयरमैन डॉ पी राजा मोहन राव ने कहा, ’’यूटीएल में हमें इस रिपेयरेबल टैबलेट का कॉन्सेप्ट पसंद आया और हमने ऐपिक तथा वीवीडीएन से लाइसेंस लेकर इसके विनिर्माण के करार पर हस्ताक्षर किए हैं। ऐसे टैबलेटों के लिए राज्य सरकारों के बहुत बड़े टेंडर हैं और हम उनमें भाग लेने की योजना बना रहे हैं। अगर सब सही रहा तो हमारा इरादा हर साल दो से तीन लाख टैबलेटों का विनिर्माण करने का है।’’
कोरोवर डॉट एआई एवं भारत जीपीटी के सह-संस्थापक अंकुश सभरवाल ने कहा, ’’फादर ऑफ हार्डवेयर और एचसीएल के सह-संस्थापक डॉ अजय चौधरी मेरे मेंटोर हैं। उनके उत्कृष्ट मार्गदर्शन में मुझे फख्र है कि मैं भारत के प्रथम ए.आई. ऐजुकेशन टैबलेट के ऐतिहासिक लांच का हिस्सा बना हूं, जिसमें भारत जीपीटी इंटिग्रेटिड है। यह अभूतपूर्व टैबलेट न केवल तकनीकी नवाचार का प्रतीक है बल्कि सस्टेनेबिलिटी तथा भारत की विशिष्ट शैक्षिक जरूरतों का समाधान पेश करने की हमारी प्रतिबद्धता को भी प्रदर्शित करता है। इस टैबलेट में रिपेयरेबिलिटी, अपग्रेडेबिलिटी जैसे फीचर्स हैं तथा देश में निर्मित भारत जीपीटी इसमें इंटिग्रेटिड है, जिसे कन्वर्ज़ेशनल ए.आई. प्लैटफॉर्म व अनेक ए.आई. ऐप्स की ताकत प्राप्त है। इतनी सारी खूबियों को समेटे यह टैबलेट केवल एक उपकरण मात्र नहीं है बल्कि उससे बढ़कर यह परिवर्तनकारी शैक्षिक अनुभव का उत्प्रेरक है। मैं डॉ अजय चौधरी, श्री अश्विनी वैष्णव और श्री एस. कृष्णन का आभार व्यक्त करता हूं जिनका दूरदर्शी नेतृत्व भारत को तकनीकी तरक्की तथा शैक्षिक उत्कृष्टता के भविष्य की ओर अग्रसर कर रहा है।’’
मीडिया टैक् इंडिया के प्रबंध निदेशक अंकु जैन ने कहा, ’’टैबलेट्स के लिए डिजाइन किए जाने वाले मीडिया टैक् चिपसैट शक्तिशाली परफॉरमेंस, मंत्रमुग्ध करने वाले डिस्प्ले और वीडियो, ऊर्जा-दक्षता को संभव बनाते हैं तथा ये अग्रणी प्रौद्योगिकी से युक्त होते हैं। ऐपिक फाउंडेशन का भारत में डिजाइन किया गया पहला रिपेयरेबल, अपग्रेडेबल और ए.आई. से लैस टैबलेट को मीडिया टैक् की ताकत हासिल है। यह मल्टीकोर प्रोसैसिंग, कोर पायलट टेक्नोलॉजी, मीडिया टैक् मिराविज़न की नवीनतम तकनीकों से युक्त है। पीसी जैसे ब्राउजर के साथ पावर-ऐफिशियेंट मीडिया टैबलेट विकसित करने के लिए यह मल्टीमीडिया पावरहाउस से लैस है। यह ऐजुकेशन टैबलेट ऐपिक फाउंडेशन और मीडिया टैक् की साझा प्रतिबद्धता है। हम सरकार के मेक इन इंडिया कार्यक्रम के अनुसार काम करते हुए घरेलू नवोन्मेष एवं उत्पादन को सहयोग दे रहे हैं। हम आगे और उन्नति की दिशा में मिलकर काम करने की अपेक्षा रखते हैं जिससे इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों के डिजाइन एवं विनिर्माण में स्थानीय ईकोसिस्टम को सुगम बनाया जा सके।’’
उद्योग, शिक्षा
जगत और सरकार के मजबूत सहयोग से ऐपिक फाउंडेशन भारत को एक हार्डवेयर प्रोडक्ट नेशन
के तौर पर प्रोत्साहन देने के लिए एक ईकोसिस्टम निर्मित करने की दिशा में कार्यरत है।