ऋण, इक्विटी धारकों ने आईडीएफसी फर्स्ट बैंक में आईडीएफसी के विलय को दी मंजूरी

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मुंबई, 19 मई, 2024.

आईडीएफसी फर्स्ट बैंक के शेयरधारकों और गैर-परिवर्तनीय डिबेंचर (एनसीडी) धारकों ने मूल कंपनी आईडीएफसी लिमिटेड को आईडीएफसी बैंक के साथ विलय करने की मंजूरी दे दी है।

आईडीएफसी फर्स्ट बैंक को यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि योजना को मंजूरी देने वाले प्रस्ताव को इक्विटी शेयरधारकों में से 99.95 प्रतिशत लोगों ने भारी समर्थन दिया है। ये इक्विटी शेयरधारकों के मूल्य में तीन-चौथाई से अधिक का प्रतिनिधित्व करते हैं। इन्होंने रिमोट ई-वोटिंग और ई-वोटिंग के माध्यम से मतदान किया। यह मतदान कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 230-232 के अनुपालन में किया गया। 

नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) ने आईडीएफसी फर्स्ट बैंक के लिए विलय (मर्जर) की समग्र योजना की समीक्षा और अनुमोदन के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग और अन्य ऑडियो-विज़ुअल माध्यमों का उपयोग करते हुए 17 मई को एक बैठक बुलाई थी। यह जानकारी एक नियामक फाइलिंग में दी गई है। बैंक के बोर्ड ने एनसीएलटी के समक्ष विलय प्रस्ताव पर मतदान के परिणाम प्रस्तुत किए हैं। इक्विटी शेयरधारकों और एनसीडी धारकों द्वारा क्रमशः 99.95 प्रतिशत और 99.99 प्रतिशत के जबर्दस्त समर्थन के साथ योजना को मंजूरी दी गई है। यह साबित करता है कि विलय के प्रस्ताव को कितना ज्यादा समर्थन हासिल हुआ था।

विलय (अमलगमेशन) की समग्र योजना के हिस्से के रूप में पहले आईडीएफसी एफएचसीएल का आईडीएफसी के साथ विलय होगा। इसके बाद आईडीएफसी का आईडीएफसी फर्स्ट बैंक लिमिटेड में विलय होगा। प्रस्तावित रिवर्स विलय योजना के तहत, आईडीएफसी शेयरधारकों को दोनों शेयरों के साथ, प्रत्येक 100 शेयरों के लिए 155 शेयर प्राप्त होंगे। जिनमें से प्रत्येक का फेस वैल्यू (अंकित मूल्य) 10 रुपए है। 

आईडीएफसी फर्स्ट बैंक को अग्रणी रेटिंग एजेंसी आईसीआरए लिमिटेड (आईसीआरए) से स्थिर रेटिंग मिली है। बैंक का जमा आधार वित्त वर्ष 2024 में 2.01 लाख करोड रुपए को पार कर गया है। बैंक ने खुदरा जमा का उच्च स्तर बनाए रखा है। ICRA ने IDFC FIRST बैंक के 3,000 करोड़ रुपए के TIER-II (बेसल-III के तहत) बांड को ICRA AA+/स्थिर रेटिंग दी है। मौजूदा दीर्घकालिक उपकरणों के लिए ICRA AA+/स्थिर रेटिंग की पुष्टि की है। इसके अतिरिक्त, आईसीआरए ने परिपक्व गैर-परिवर्तनीय डिबेंचर (एनसीडी) पर 3,815 करोड़ रुपए की बकाया रेटिंग वापस ले ली है। इन्हें पूरी तरह से भुनाया जा चुका है, जैसा कि निजी क्षेत्र के ऋणदाता ने पुष्टि की है।